पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के अब तक आए परिणाम और रूझान साफ संकेत दे रहे हैं कि सत्तारूढ़ जनता दल (युनाईटेड) को खासा नुकसान हो रहा है. इसकी एक बड़ी वजह रही चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी). एलजेपी इस बार अकेले दम पर चुनाव मैदान में थी.


हालांकि एलजेपी को भी बड़ा नुकसान हुआ है. चुनाव आयोग के रात 10 बजे के आंकड़ों के मुताबिक एलजेपी ने मात्र एक सीट पर जीत दर्ज की है.


आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि एलजेपी ने कम से कम 30 सीटों पर जेडीयू को नुकसान पहुंचाया है और उसके हार का कारण बन रही है.


जेडीयू को अभी तक 30 सीटों पर जीत मिली है जबकि 12 सीटों पर वह आगे है. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.


जद(यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने बताया कि एक ‘‘साजिश’’ के तहत नीतीश कुमार के खिलाफ ‘‘अपमानजनक अभियान’’ चलाया गया. बगैर किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, ‘‘अपने भी शामिल थे और बेगाने भी.’’


उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए सरकार का नेतृत्व करेंगे.


बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत की है और 24 सीटों पर आगे है. एनडीए की सहयोगी हम तीन सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और एक सीट पर आगे है. वीआईपी चार सीटें जीती है. एनडीए 122 सीटों पर जीत दर्ज करता दिख रहा है. बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है. महागठबंधन (कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट) 113 सीटों पर बढ़त बनाए हुए.