बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने 202 विधानसभा सीटों पर विस्फोटक जीत दर्ज की है. एनडीए की इस जीत को ऐतिहासिक बताया जा रहा है. बिहार में पांच राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बीजेपी, जदयू, लोजपा (रा), हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) शामिल है, जिसने 202 सीटों पर जीत हासिल कर विपक्षी महागठबंधन को मात्र 35 सीटों पर समेट दिया.
एनडीए की इस जीत में बिहार के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के रालोमो की भूमिका को भी अहम माना जा रहा है. उपेंद्र कुशवाहा बिहार में कुशवाहा (कोईरी) जाति के प्रमुख नेता माने जाते हैं, जिनके प्रभाव से एनडीए को बिहार में कुशवाहा बहुल इलाकों में भी विस्फोटक जीत मिली है.
बिहार में 6 सीटों पर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने लड़ा चुनाव
रालोमो ने बिहार में 6 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा. इसमें बाजापट्टी, मधुबनी, सासाराम, दिनारा, उजियारपुर और पारु शामिल हैं. इसमें से बाजापट्टी से रामेश्वर कुमार महतो, मधुबनी से माधव आनंद, सासाराम से स्नेहलता और दिनारा से आलोक कुमार सिंह ने जीत हासिल की, जबकि उजियारपुर में प्रशांत कुमार पंकज और पारु में मदन चौधरी को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशियों से हार का सामना करना पड़ा है. उल्लेखनीय है कि सासाराम से राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) की प्रत्याशी स्नेहलता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी है.
बिहार में कुशवाहा वोटों पर उपेंद्र कुशवाहा का प्रभाव
बिहार विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व और रालोमो के समर्थन से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कुशवाहा बहुल इलाकों में काफी ज्यादा लाभ मिला है. बिहार में कुशवाहा जाति की कुल जनसंख्या 4.2 परसेंट है. अगर विधानसभा सीटों के तौर पर देखा जाए तो बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 45 सीटों पर कुशवाहा जाति की बड़ी भूमिका है, जिसमें मगध-शाहाबाद, सीवान, भागलपुर, बांका, पूर्णिया, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिला अंतर्गत सीटें शामिल हैं. वहीं, बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में मगध की 47 सीटों में जहां एनडीए को सिर्फ 18 सीटें मिली थी, वहीं, 2025 में एनडीए को 40 सीटों पर जीत दर्ज की है.
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