Bihar Politics: बिहार (Bihar) की महागठबंधन सरकार के मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने इस्तीफा दे दिया है. वह आरजेडी (RJD) कोटे से मंत्री बनाए गए थे. उन्होंने बिहार के कृषि मंत्री (Agriculture Minister) के पद से इस्तीफा दिया है. बिहार आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagada Nand Singh) ने सुधाकर सिंह के इस्तीफे की पुष्टि की है. सुधाकर सिंह जगदानंद के बेटे हैं. 


बिहार में महागठबंधन की सरकार बने अभी दो महीने भी नहीं हुए, जब दूसरे मंत्री ने इस्तीफा दिया है. पिछले कुछ दिनों से वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में थे. सुधाकर सिंह एक बार पहले आरजेडी छोड़कर बीजेपी से भी चुनाव लड़ चुके हैं. 


सुधाकर सिंह के इस्तीफे का कारण क्या है?


सुधाकर सिंह के इस्तीफे के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं. अफसरशाही को लेकर सुधाकर सिंह ने विवादित बयान दिया था, जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार के साथ उनके मनमुटाव की खबर आई थी. वहीं, उनके पिता और आरजेडी अध्यक्ष ने तेजस्वी को सीएम बनाने को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद बवाल हुआ था.


जगदानंद ने पिछले दिनों कहा था कि 2023 में तेजस्वी को सत्ता सौंप देनी चाहिए और नीतीश कुमार को तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. इस पर तेजस्वी यादव ने सामने आकर कहा था कि आगे से गठबंधन या मुख्यमंत्री को लेकर कोई भी बात अगर कहनी होगी तो उसके लिए सिर्फ वही अधिकृत हैं.


सुधाकर सिंह का विवादित बयान  


सुधाकर सिंह ने पिछले एक विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह चोरों के सरदार नजर आ रहे हैं क्योंकि विभाग में बहुत सारे चोर हैं. 


सुधाकर सिंह के इस्तीफे पर क्या बोली बीजेपी?


बीजेपी ने महागठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए सुधाकर सिंह के इस्तीफे को लेकर प्रतिक्रिया दी है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एबीपी न्यूज से कहा, ''जो नीतीश कुमार की गुलामी आरजेडी में नहीं करेगा उसको ये किसी तरह से भोला बनकर और उसका उपयोग करके हटाएंगे.''


संजय जायसवाल ने आगे कहा, ''पूरी घटना का मुख्य कारण यही है कि अगस्त में जब सत्ता का हस्तांतरण हुआ, उस समय कृषि विभाग के सारे अफसरों ने पूरे बिहार में यूरिया की लूट मचाई, किसी गरीब को यूरिया नहीं मिला था, जिस गरीब किसान को यूरिया मिलता था वो 700-800 रुपये में मिलता था. इस बात को चूंकि कृषि मंत्री ने बोल दिया और नीतीश कुमार की बिल्कुल आदत नहीं है कि किसी अफसरशाही के खिलाफ उनका कोई मंत्री मुंह खोले, उसी दिन हम लोग जानते थे कि यह होना ही है.''


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