बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने को है, लेकिन विपक्षी इंडिया गठबंधन में भ्रम की स्थिति अभी भी खत्म होती नहीं दिख रही है. हालत ये हो गई कि महागठबंधन की भीतर ही पार्टियां चुनावी मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. सीट बंटवारे यहां ऐसा पेंच फंसा है कि 11 सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी दल आमने-सामने हैं. 

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11 सीटों पर आमने-सामने महागठबंधन के दल 

महागठबंधन में से 6 सीटों पर आरजेडी-कांग्रेस, तीन सीटों पर सीपीआई-कांग्रेस और दो सीटों पर आरजेडी-वीआईपी आमने-सामने हैं. दूसरे चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार (19 अक्टूबर 2025) को खत्म हो रहा है. बताया जा रहा है एक-दूसरे की सीट पर दावा करने के कारण आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं में बातचीत बंद है. आरजेडी लगातार अपने उम्मीदवारों को सिंबल बांट रही है.

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राजेश राम के सामने RJD के उम्मीदवार

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ कुटुम्बा सीट से आरजेडी ने सुरेश पासवान उतार दिया है. राजेश राम ने यहां तक कह दिया कि तेजस्वी यादव गठबंधन के समझौते के खिलाफ काम कर रहे हैं और दलितों के प्रतिनिधित्व को कमजोर कर रहे हैं. आरजेडी के अनुसार उसने दिनारा, डिहरी, सासाराम, नवीनगर, नोह, रफीगंज, टिकारी, नवादा, रजौली, रून्नीसैदपुर, सुरसंड और बाजपट्टी सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल नहीं सौंपा है. 

इन सीटों पर कांग्रेस बनाम आरजेडी

डिहरी और सासाराम सीट पर कांग्रेस और आरजेडी दोनों दावा कर रही है. कहलगांव, वैशाली, लालगंज, सिकंदरा, कुटुंबा और वारिसलीगंज सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने है. बेगूसराय जिले के बछवाड़ा सीट से कांग्रेस और सीपीआई दोनों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इस सीट की वजह से सीपीआई ने रोसड़ा, बिहारशरीफ और राजापाकड़ से भी अपने उम्मीदवार उतार दिए.

दो सीटों पर वीआईपी vs आरजेडी

उसी तरह तारापुर और चैनपुर सीट से वीआईपी और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. चैनपुर सीट से आरजेडी ने दो दिन पहले बृज किशोर बिंदु को सिंबल सौंपा, जिसके बाद VIP ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष  बालगोविंद बिंद को यहां का प्रत्याशी बना दिया. महागठबंधन के कोई नेता खुलकर इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं, जिस वजह से घटक दल के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

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