बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में अब चंद माह ही बचे हैं. ऐसे में सभी सियासी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसी बीच वोट वाइब का एक सर्वे सामने आया है, जिसमें जन सुराज को अच्छा खासा समर्थन मिलता नजर आ रहा है. 

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बिहार में लोगों से वोट देने को लेकर सवाल पूछे गए तो 36.2 फीसदी ने एनडीए को अपना मत देने की बात कही है, जबकि महागठबंधन को उससे थोड़ा ही कम यानि 35.8 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. इससे साफ है कि दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है.

पहली बार चुनाव में उतरी जन सुराज को तगड़ा समर्थनसर्वे के मुताबिक जब लोगों से प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को वोट देने की बात पूछी गई तो इस पर 8.7 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि अन्य को 12.8 फीसदी लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है. वहीं 6.5 फीसदी लोगों ने कहा कि वो बता नहीं सकते कि वो किस पार्टी को वोट करेंगे.

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वोट वाइब के फाउंडर अमिताभ तिवारी ने एक चैनल से बातचीत में प्रशांत किशोर की पार्टी को मिल रहे लगभग 9 फीसदी वोटों को लेकर कहा कि वो सबसे ज्यादा नुकसान अन्य को पहुंचाएंगे, क्योंकि बिहार में लगभग 20 प्रतिशत वोट बैंक अन्य पार्टियों का है. उन्होंने आगे बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी एनडीए गठबंधन और इंडिया ब्लॉक का वोट शेयर लगभग सेम ही है. उसमें ज्यादा उलटफेर की संभावना नहीं है तो ऐसे में साफ है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस बार अन्य का ही वोट काटेगी.

वोट वाइब के फाउंडर ने क्या बतायाउन्होंने बताया कि पिछले चुनाव के हिसाब से देखा जाए तो बिहार में एनडीए नंबर वन पार्टी है और वोटों के हिसाब से दूसरे नंबर पर इंडिया गठबंधन है. मुस्लिम और यादव पहले की तरह ही इस बार भी महागठबंधन के पाले में जाते दिख रहे हैं, जबकि अपर कास्ट, महादलित और यादवों को छोड़ अन्य पिछड़ा समाज एनडीए के पक्ष में दिखाई पड़ रहा है. तिवारी ने बताया कि ऐसे में जो अन्य पार्टियां हैं, उनका एक बड़ा वोट बैंक इस बार जनसुराज की तरफ खिसकता दिखाई पड़ रहा है. यही कारण है कि पहली बार चुनाव लड़ रही प्रशांत किशोर की पार्टी को लगभग 9 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है.

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