बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब महागठबंधन और एनडीए दोनों ही गुटों में सीटों के लिए मारामारी है. बताया जा रहा है कि एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो इस बार भी चुनाव में जेडीयू बडे़ भाई की भूमिका में होगी और 102 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बीजेपी 101 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इसके अलावा 40 सीटें चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के लिए छोड़ी जा सकती हैं. उम्मीद जताई जा रहा है कि चिराग की एलजेपीआर को 27-28 सीटें मिल सकती हैं.

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मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की डिमांड क्या है?

सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है. बताया जा रहा है कि कुशवाहा की पार्टी 6-7 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि अब तक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी सीटों को लेकर संतुष्ट नहीं हुए हैं. उन्होंने HAM के लिए 15 सीटों की डिमांड बीजेपी के सामने रख दी है. मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी को राज्य पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए 8 सीटों की आवश्यकता है, इसके लिए कम से कम 15 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा.   

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कैसे होगा NDA में सीट बंटवारा?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कुल 243 सीट के समीकरण की बात करें तो जेडीयू 102 सीटों पर और बीजेपी 101 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं, लगभग 40 सीटें अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ी जा सकती हैं, लेकिन अगर कुशवाहा और मांझी नहीं मानते हैं, तो बीजेपी और जेडीयू अपने खाते से एक-एक सीट क्या इनको देने के लिए तैयार होती है इस पर अंतिम दौर की चर्चा हो रही है और अगर इन दोनों में से कोई एक मान जाता है या दोनों मान जाते हैं और चिराग अड़ते हैं तो उनकी 1 या 2 सीट बढ़ सकती हैं. इस तरह से HAM को 7 या 8 और उपेंद्र कुशवाहा को 6 या 7 सीट मिलने की संभावना बनते दिखाई दे रही है. यानी कुल मिलाकर इन दो-तीन सीटों को लेकर ही पूरी चर्चा केंद्रित होती नजर आ रही है.

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