बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे सामने आ गए हैं. दोपहर 1 बजे तक के रुझानों में एनडीए ने राज्य की 243 सीटों में से करीब 190-199 सीटों पर बढ़त बना ली है. वहीं, विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-अन्य विरोधी दल) 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है. यह जीत एनडीए के लिए 2010 के विधानसभा चुनावों की याद दिला रही है, जब बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने विपक्ष को करारी शिकस्त दी थी.

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2010 का मुकाबला और सीट शेयरिंग2010 के चुनाव में भी नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए का हिस्सा थी. उस समय जेडीयू ने 141 सीटों पर और बीजेपी ने 102 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. विपक्ष की तरफ आरजेडी 168 सीटों पर, एलजेपी 75 सीटों पर और कांग्रेस सभी 243 सीटों पर चुनाव में उतरी थी. उस समय महागठबंधन पूरी तरह से नहीं था, बल्कि सिर्फ आरजेडी और एलजेपी के बीच गठबंधन था.

2010 के नतीजे: NDA ने मारी थी बाजी2010 में एनडीए ने कुल 206 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 91 सीटें जीती थीं. वहीं विपक्ष में आरजेडी ने 22, एलजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बाकी सीटों पर CPI, IND और JMM के उम्मीदवार सफल हुए थे. इस तरह एनडीए को ऐतिहासिक जीत मिली थी जबकि विपक्ष 50 सीटों के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाया था.

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वोटों का गणित: NDA को फायदा, महागठबंधन को नुकसान2005 की तुलना में 2010 में जेडीयू को 27 सीटों का फायदा मिला था और बीजेपी ने 36 सीटें अधिक जीती थीं. वहीं, विपक्ष को 32 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. वोट प्रतिशत की बात करें तो जेडीयू को 2.12% और बीजेपी को 0.84% वोटों की बढ़त मिली थी. आरजेडी को 4.36% वोटों का नुकसान झेलना पड़ा था.

वर्तमान चुनाव में क्या स्थिति है2025 के चुनाव में भी वही हाल नजर आ रहा है. एनडीए ने बढ़त बना ली है और महागठबंधन पिछड़ता दिख रहा है. लालू यादव अब उम्र और कई कानूनी मामलों की वजह से सियासत से दूरी बनाए हुए हैं. उनकी पार्टी की कमान अब तेजस्वी यादव के हाथ में है, लेकिन पिछले रुझान 2010 जैसी बड़ी जीत की ओर इशारा कर रहे हैं.