नई दिल्ली: बुधवार को हिंदुस्तान की एक और बड़ी जीत हुई और पाकिस्तान को एक और शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. पाकिस्तान की इस हार के साथ कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लग गई. नीदरलैंड्स के द हेग में दुनिया की सबसे बड़ी अदालत ने कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान के झूठ को उजागर कर दिया. भारत लंबे समय से पाकिस्तान के इस झूठ के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था और आखिरकार दुनिया की सबसे बड़ी अदालत के फैसले ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय किरकिरी करवा दी. 10 प्वाइंट में समझें कुलभूषण जाधव के फैसले और इस पूरे मामले को...


1. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ के फैसले साथ ही पाकिस्तान का दोहरा रवैया एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया. इंटरनेशनल कोर्ट के 16 में से 15 जजों ने फैसला भारत के पक्ष में दिया. फैसले में कहा गया कि कुलभूषण जाधव को बिना किसी देरी के उनके अधिकारों के बारे में नहीं बताकर पाकिस्तान ने विएना संधि के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है. अदालत ने कहा, ''पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया, और इस तरह से पाकिस्तान ने विएना संधि के आर्टिकल 36 का उल्लंघन किया. पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने, बात करने और न्यायिक प्रतिनिधित्व करने से भी रोका और ये भी विएना संधि का उल्लंघन है.'' अदालत ने ये आदेश दिया कि पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों के बारे में बताए और उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस दे. काउंसलेर एक्सेस का मतलब ये हुआ कि भारत के अधिकारी पाकिस्तान की जेल में कुलभूषण से मिल सकेंगे. अदालत ने ये भी कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को दी गई फांसी की सजा पर जरूर पुनर्विचार करे. यानी एक तरह से फिलहाल कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी गई है.

2. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुलभूषण जाधव पर अंतराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ‘सच्चाई और न्याय’ की जीत हुई है. मोदी ने ट्वीट किया,''हम आईसीजे के आज के फैसले का स्वागत करते हैं. सच्चाई और न्याय की जीत हुई है. आईसीजे को तथ्यों के गहन अध्ययन पर आधारित फैसले के लिए बधाई.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि जाधव को न्याय जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ''प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा और कल्याण के लिए हमेशा काम करेगी.''

3. आईसीजे के फैसले के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुलभूषण जाधव के परिवार से फोन पर बात की है. जयशंकर ने इसके बाद कहा कि हम उनके साहस की सराहना करते हैं. विदेश मंत्रालय ने भी कुलभूषण जाधव मामले पर अपना बयान जारी किया है. मंत्रालय ने जाधव की जल्द रिहाई और भारत वापसी के लिए पुरजोर कोशिश करने की बात कही है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ''हम कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई और भारत वापसी के लिए पुरजोर कोशिश जारी रखेंगे. यह ऐतिहासिक फैसला इस मामले में भारत के रुख की पुष्टि करता है.''

4. कुलभूषण जाधव मामले में भारत का पक्ष रखने वाले वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वह आईसीजे के फैसले से बेहद प्रसन्न हैं. यह फैसला जाधव की फांसी की सजा की तामील पर रोक लगाएगा और भारतीय नागरिक के लिए न्याय सुनिश्चित करेगा. हरीश साल्वे ने कहा कि भारत के लिए अगला कदम यह सुनिश्चित करना है कि जाधव मामले की पाकिस्तान के कानून के तहत निष्पक्ष सुनवाई हो और उसे न्याय मिले. उन्होंने आईसीजे के फैसले को न्याय की जीत बताया. बता दें कि हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव मामले में पैरवी करने के लिए फीस के तौर पर सिर्फ एक रुपया लिया. 61 साल के हरीश साल्वे 1999 से 2002 के बीच देश के सॉलिसिटर जनरल भी रहे.

5. फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि इससे एक बार फिर उम्मीद जगी है कि जाधव एक दिन जरूर भारत लौटेंगे. गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं आईसीजे के निर्णय का स्वागत करता हूं. पाकिस्तान की जेल की कोठरी में अकेले मौजूद कुलभूषण जाधव और मुश्किल समय का सामना कर रहे उनके परिवार के प्रति मेरी सहानुभूति है.' उन्होंने कहा, 'यह निर्णय परिवार के लिए राहत एवं खुशी का क्षण लाया है तथा फिर उम्मीद जगी है कि जाधव एक दिन आजाद होंगे और भारत लौटेंगे.'

6. आईसीजे की पीठ ने 18 मई, 2017 को पाकिस्तान को मामले में फैसला आने तक जाधव को सजा देने से रोका था. पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे. हालांकि भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में थे. पाकिस्तान ने आईसीजे में जाधव तक कंसुलर एक्सेस की भारत की याचिका खारिज कर दी थी. उसने दावा किया था कि नई दिल्ली उसके 'जासूस' द्वारा एकत्रित सूचनाओं को पाने के लिए ऐसा चाहती है. हालांकि पाकिस्तान ने जाधव की मुलाकात उनकी मां और पत्नी से 25 दिसंबर, 2017 को इस्लामाबाद में कराई थी.

7. पाकिस्तान के अपने दावे के मुताबिक उसने जाधव को 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद भारत को इसकी जानकारी करीब दो हफ्ते बाद दी. कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी की सूचना भारत को 24 मार्च 2016 को दी गई. सूचना देने में पाकिस्तान की इस देरी पर भी भारत ने आपत्ति जताई थी.

8. पाकिस्तान ने फरवरी 2017 में कुलभूषण जाधव के खिलाफ सैन्य अदालत में सुनवाई की कार्रवाई पूरी कर ली थी. भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव (49) को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी. उनकी सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और फैसले के खिलाफ भारत ने 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने भारत की अंतिरम राहत अपील के हक में फैसला देते हुए पाकिस्तान को इस मामले में आईसीजे का निर्णय आने तक अदालत कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया था. इसके बाद बीते दो सालों में भारत और पाकिस्तान को पहले लिखित और फिर मौखिक रूप से अपना-अपना पक्ष रखने का मौका दिया.

9. पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट द्वारा 10 अप्रैल 2017 को कुलभूषण जाधव को सज़ा-ए-मौत सुनाए जाने के बाद आईसीजे में भारत की अपील के बाद 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक दिया था. मामले पर अंतिम सुनवाई फरवरी 2019 में हुई थी जब दोनों देशों के वकीलों ने दलीलें रखी थी. अदालत ने करीब 6 महीने का वक्त लेने के बाद अपना फैसले की तारीख तय की और आज पाकिस्तान को जाधव की फांसी की सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है.

10. मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल दो महीने का समय लगा. पाकिस्तान की तरफ से चौधरी खावर कुरैशी अदालत के सामने पेश हुए थे. बीते तीन सालों में अब तक भारत करीब 30 बार जाधव के कॉन्सुलर सम्पर्क के लिए पाकिस्तान को आग्रह कर चुका है. यहां तक कि 1 जुलाई 2019 को भी भारत ने जाधव के लिए कॉन्सुलर संपर्क की इजाजत का अपना आग्रह पाकिस्तान का आगे दोहराया.