नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच भारत ने स्वदेशी लड़ाकू विमानों की कड़ी में फिफ्थ (5) जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट, 'एमका' बनाने की दिशा में एक बड़ी उड़ान भरी है. डीआरडीओ और एडीए ने डिजाइन के आधार पर एमका लड़ाकू विमान के लिए विशेष सामाग्री का निर्माण शुरू कर दिया है. डीआरडीओ ने स्टेल्थ फाइटर जेट बनाने की दिशा में इस कदम को मील का पत्थर कहा है.


डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के मुताबिक, एयरोस्पेस डिफेंस एजेंसी (एडीए) द्वारा डिजाइन किए गए फिफ्थ जेनरेशन डिजाइन के मैटेरियल के आधार पर एमका के लीडिंग-ऐज के फैबरिकेशन का काम शुरू हो गया है. ये काम एचएलए यानी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड में शुरू हुआ है. एचएएल की जिस यूनिट में एमका के प्रोटो-टाइप को तैयार किया जाएगा उसे पहले संरचनात्मक और अन्य परीक्षण से गुजरना होगा.


पांचवे श्रेणी का स्वदेशी लड़ाकू विमान
एमका यानी एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट भारत का पांचवे श्रेणी का स्वदेशी लड़ाकू विमान है. पिछले साल यानी फरवरी 2021 में भारत ने एयरो-इंडिया शो में एमका के डिजाइन और मॉडल को पहली बार दुनिया को दिखाया था. लड़ाकू विमानों के डिजाइन तैयार करने वाली स्वेदशी एजेंसी, एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए यानी आडा) और डीआरडीओ ने इस मॉडल को पेश किया था. ये भारत का पहला टूइन यानी दो इंजन वाला फाइटर जेट होगा, जिसके स्टेल्थ फीचर्स के चलते दुश्मन के रडार को इसे पकड़ना बेहद मुश्किल होगा.


भारत अगर एमका बनाने में कामयाब हो जाता है तो अमेरिका, रूस और चीन सहित उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिनके पास पांचवें जेनरेशन के लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता होगी. हाल ही में थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे ने यूक्रेन युद्ध से सीख लेते हुए स्वदेशी हथियारों की निर्माण पर जोर देने की बात कही थी.


खास मैटेरियल से बनी होती है स्टेल्थ फाइटर जेट की बॉडी
आपको बता दें कि स्टेल्थ फाइटर जेट की बॉडी ऐसी खास मैटेरियल से बनी होती है, जिसके चलते दुश्मन के रडार की तरंगों को ये खुद ऑब्जर्व कर लेता है और वापस रडार को नहीं जाने देता. इसके चलते स्टेल्थ फाइटर जेट्स को रडार डिटेक्ट नहीं कर पाती हैं.


भारत का ये एमका फाइटर जेट एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान होगा, जिसमें वियोंड विजुयल रेंज यानी बीवीआर मिसाइल, प्रेसिसयन स्ट्राक क्षमता सहित क्लोज-कॉम्बेट डॉदफाइट करने की भी क्षमता है. स्टेल्थ एयर-फ्रेम के अलावा इसमें आइसा रडार, नेटसेंटरिक वॉरफेयर, एडवांस इंटीग्रेटेड सेंसर सूट और सेंसर डाटा फ्यूजन भी होगा. 


माना जा रहा है कि भारत का ये फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट वर्ष 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा और वर्ष 2030 तक वायुसेना की फाइटिंग-स्कॉवड्रन का हिस्सा बन जाएगा.


अमेरिका के पास एफ-22 रेपटेर और एफ-35 लाइटनिंग स्टेल्थ फाइटर जेट्स है तो रूस के पास सुखाई-57 है. चीन भी दावा करता है कि उसके पास जे-20 स्टेल्थ फाइटर जेट है. लेकिन देश-विदेश के रक्षा मामलों के जानकार जे-20 (चेंगदू-20) में स्टेल्थ फीचर्स पर सवाल खड़े कर चुके हैं. एयर-स्पेस में लड़ाई के वक्त स्टेल्थ फाइटर जेट ही बाकी सभी लड़ाकू विमानों का नेतृत्व करता है और दुश्मन की सीमा में सबसे पहले दाखिल होता है.


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