नई दिल्ली: भीमा-कोरेगांव हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित हत्या की साजिश के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने माओवादी विचारक और कवि वरवर राव समेत पांच को गिरफ्तार किया है. राव को पुलिस ने हैदराबाद में गिरफ्तार किया. पुणे पुलिस की टीम ने क्रांतिकारी लेखक राव के घर की आठ घंटे तलाशी ली. उन्हें अदालत में पेश किया गया, जिसने पुलिस को उन्हें बुधवार शाम पांच बजे तक पुणे की अदालत में पेश करने को कहा. पुलिस ने राव के घर पर छापा मारने के साथ-साथ उनकी दो बेटियों, कुछ रिश्तेदारों और दो पत्रकारों समेत कुछ दोस्तों के घरों पर भी छापे मारे.
गांधीनगर स्थित राव के घर पर उस समय हल्के तनाव की स्थिति बन गई, जब राव के समर्थक इकट्ठा होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. स्थानीय पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया था. राव की पत्नी हेमलता ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बताया कि राव की गिरफ्तारी प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश के मामले के संदर्भ में की गई है.
हेमलता ने कहा कि सुबह करीब 20 की संख्या में पुलिसवाले बिना वारंट के पहुंचे और तलाशी शुरू कर दी. उन्होंने घर का कोना-कोना छान मारा. जब पुलिसवालों से गिरफ्तारी का वारंट दिखाने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि वारंट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके पति ने पुलिस से कहा कि यह मामला झूठा है.
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राव 1957 से कविताएं लिख रहे हैं. साल 1986 के रामनगर साजिश कांड सहित कई अलग-अलग मामलों में 1975 और 1986 के बीच उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया. करीब 17 साल बाद 2003 में राव को रामनगर साजिश कांड में बरी कर दिया गया. राव को एक बार फिर आंध्र प्रदेश लोक सुरक्षा कानून के तहत 19 अगस्त 2005 को गिरफ्तार कर हैदराबाद के चंचलगुडा केन्द्र जेल में भेज दिया गया. 31 मार्च 2006 को लोक सुरक्षा कानून के तहत चला मुकदमा निरस्त कर दिया गया और राव को अन्य सभी मामलों में जमानत मिल गई.
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