नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने बीजेपी शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात में श्रम कानूनों को स्थगित करने की निंदा की है. वहीं इसके खिलाफ 20 मई को देशव्यापी विरोध की घोषणा की. बीएमएस ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याएं और भी बढ़ गई है क्योंकि अधिकांश राज्यों में कानूनों का उल्लंघन हो रहा है.

भारतीय मजदूर संघ ने कई राज्यों में श्रम कानूनों को स्थगित करने और काम की अवधि को 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने की आलोचना की. बीएमएस के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने अपने बयान में कहा, ‘‘ यह ज्ञात हुआ है कि कई अन्य राज्य इस चलन का अनुकरण करने को तत्पर हैं. ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं सुना और सबसे गैर-लोकतांत्रिक देशों में भी विरले ही देखने को मिला.’’ उन्होंने कहा कि हमे ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया गया हैं जहां इसके विरोध के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचा है.

इसलिये बीएमएस ने उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात में श्रमिक विरोधी अध्यादेश और राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा और ओडिशा में काम के घंटे बढ़ाये जाने के खिलाफ श्रमिकों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि संगठन 20 मई को देशव्यापी विरोध दिवस आयोजित करेगा, इसके अलावा भी विरोध में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.

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