कृषि कानूनों पर 'भारत बंद' के समर्थन में TRS भी आई, 8 दिसंबर को होने वाले बंद पर किसानों को मिला इतने दलों का साथ

एबीपी न्यूज़   |  06 Dec 2020 11:52 AM (IST)

टीआरएस ने घोषणा की है कि 8 दिसंबर को होनेवाले भारत बंद को टीआरएस पार्टी पूरी तरह से समर्थन करेगी। तेलंगाना सीएम के. चंद्रशेकर राव ने कहा कि टीआरएस पार्टी के कार्यकर्ता इस बंद में खुलकर हिस्सा लेंगे।

केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से 8 दिसंबर को बुलाए गए 'भारत बंद' का जहां एक तरफ 10 ट्रेड यूनियनों ने समर्थन किया है तो वहीं लेफ्ट और आरजेडी समेत कई राजनीतिक दल सामने आए हैं. तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भी किसानों के भारत बंद का खुला समर्थन दिया. टीआरएस ने घोषणा की है कि 8 दिसंबर को होनेवाले भारत बंद को टीआरएस पार्टी पूरी तरह से समर्थन करेगी. तेलंगाना मुख्यमंत्री के. चंद्रशेकर राव ने कहा कि टीआरएस पार्टी के कार्यकर्ता इस भारत बंद में खुलकर हिस्सा लेंगे.

भारत बंद को टीआरएस का समर्थन

टीआरएस ने ट्वीट करते हुए कहा- “केसीआर का मानना ​​है कि लड़ाई को तब तक जारी रखने की जरूरत है जब तक कि नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता. भारत बंद की सफलता के लिए टीआरएस पार्टी काम करेगी। लोगों से बंद को सफल बनाने और किसानों के लिए खड़े होने का अनुरोध किया.

“केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को केसीआर ने समर्थन किया. केसीआर ने याद दिलाया कि टीआरएस ने संसद में कृषि बिलों का विरोध किया था क्योंकि यह एक तरह से किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाता है.”- टीआरएस ने अगले ट्वीट में कहा,

आरजेडी, टीएमसी और लेफ्ट का भी समर्थन

किसानों को भारत बंद को राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के साथ ही 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों का समर्थन मिला है. इन सभी ने किसानों की तरफ से बुलाए गए देशव्यापी बंद के समर्थन का ऐलान किया है.

भारतीय किसान यूनियन ने कहा- घोषणा के अनुरूप होगा भारत बंद

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा- “सरकार मसौदा तैयार कर हमें देगी. उन्होंने कहा कि वे राज्यों से भी सलाह मशविरा करेगी. MSP पर चर्चा हुई लेकिन हमने ये कहा है कि उन्हें कानून वापस लेना चाहिए और वापसी के बारे में बात करनी चाहिए. भारत बंद घोषणा के अनुरूप ही होगा.”

सरकार के साथ पांचवें दौर की वार्ता रही बेनतीजा

नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत बेनतीजा रही. हालांकि, सरकार की तरफ से किसानों की चिंताओं के समाधान के आश्वासन के बाजवूद किसान संगठनों की तरफ से कहा गया कि 8 तारीख को जिस भारत बंद का ऐलान किया गया था वह पूर्व नियोजित तरीके से होगा.

क्यों हो रहा है किसानों का विरोध?

किसान तीन नए कानून- 1.मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3.किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का विरोध कर रहे हैं.

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