Bhagat Singh Koshyari Clarification: पिछले काफी दिनों से शांत पड़ी महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में फिर से हलचल तेज हो गई है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के बयान के बाद यहां उनका विरोध होना शुरू हो गया. इस पर उनकी सफाई भी आई है. सफाई देते हुए उन्होंने कहा है कि मुंबई (Mumbai) महाराष्ट्र का गौरव है. यह देश की आर्थिक राजधानी (Economic Capital) भी है. मुझे गर्व है कि मुझे छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी जनता की इस धरती पर राज्यपाल के रूप में सेवा करने का अवसर मिला. इस वजह से मैंने बहुत ही कम समय में मराठी भाषा सीखने की कोशिश की.


उन्होंने आगे कहा कि कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था, उसमें मेरा मराठी आदमी को कम करके आंकने का कोई इरादा नहीं था. मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा पेशे में किए गए योगदान पर बात की. मराठी लोगों ने मेहनत कर महाराष्ट्र का निर्माण किया. इसीलिए आज कई मराठी उद्यमी प्रसिद्ध हैं. वे न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि भारत में और पूरी दुनिया में मराठी का झंडा बड़े पैमाने पर लगा रहे हैं. इसलिए मराठी लोगों के योगदान को कम करके आंकने का सवाल ही नहीं उठता.


एक समुदाय की सराहना दूसरे समुदाय का अपमान नहीं


भगत सिंह ने कहा कि हमेशा की तरह मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. महाराष्ट्र के निर्माण में मराठी लोगों की मेहनत का सबसे ज्यादा योगदान है. हाल ही में राजनीतिक चश्मे के माध्यम से सब कुछ देखने की दृष्टि विकसित हुई है, हमें उसे बदलना होगा. एक समुदाय की सराहना करना दूसरे समुदाय का अपमान नहीं है. राजनीतिक दलों को इस पर अकारण विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए. कम से कम मेरे द्वारा मराठी लोगों का कभी अपमान नहीं किया जाएगा. राज्यपाल कोश्यारी ने कहा है कि विभिन्न जातियों और समुदायों से बनी इस मराठी भूमि की प्रगति और विकास में सभी का योगदान है और मराठी लोगों का योगदान अधिक है.


बीजेपी नेता आशीष शेलार ने राज्यपाल के बयान का किया विरोध


दरअसल, भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को राज्य से हटा दिया जाता है, तो राज्य के पास पैसे नहीं होंगे. इस मामले पर बीजेपी (BJP) का बयान भी आया है. बीजेपी नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने कहा है कि हम राज्यपाल (Governor) के बयान से सहमत नहीं हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra) और मुंबई (Mumbai) मराठी लोगों की मेहनत, पसीने और शहादत के साथ खड़े हैं. हमारा गौरवशाली इतिहास यही बताता है.


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