उत्तराखंड में 'चार धाम यात्रा' के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी की पेशकश करने वाली फर्जी वेबसाइटों द्वारा एक दर्जन से अधिक लोगों को ठगा गया है. पिछले एक महीने में लखनऊ साइबर सेल में पांच और यूपी साइबर सेल में ऐसे दस मामले सामने आए हैं. यूपी साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने कहा कि सवारी की पेशकश के लिए जो शिकायतें आ रही हैं, वे विभिन्न वेबसाइटों से हैं. सिंह ने यह भी कहा कि इस तरह का घोटाला न केवल यूपी में बल्कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में भी सामने आया है.
प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि बिहार और झारखंड की सीमा पर सक्रिय एक गिरोह इस तरह की धोखाधड़ी कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमें दूसरे राज्यों से भी शिकायतें मिल रही हैं. ऐसी ही एक पीड़िता के अनुसार, उसने धर्मस्थलों की यात्रा के लिए 50,000 रुपये का भुगतान किया, लेकिन उसे और उसके परिवार के सदस्यों को देहरादून में हेलीकॉप्टर में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई. इसका कारण उसे बताया गया था कि उसने जो टिकट बुक किए थे, वे नकली थे.
फर्जी थे टिकट
शिकायत के अनुसार, पीड़ित को देहरादून स्थित पवन हंस लिमिटेड का एजेंट होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति का फोन आया. भुगतान करने पर, जालसाज द्वारा उनके आधार कार्ड, पासपोर्ट और कोविड-19 टीकाकरण विवरण लेने के बाद, व्हाट्सऐप पर हेलीकॉप्टर टिकट भेजे गए. बोर्डिंग के समय ही पता चला कि सभी टिकट फर्जी थे.
पुलिस अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे निजी कंपनियों को न चुनें और यह सुनिश्चित करें कि चार धाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा अधिकृत हेली-सर्विस वेबसाइट का उपयोग किया जा रहा है और पर्यटन विभाग से इसकी पुष्टि करें. सिंह ने लोगों से किसी अज्ञात व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करने या बैंक विवरण प्रदान करने से परहेज करने का भी आग्रह किया.
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