BBC Documentary Row: गुजरात दंगे (Gujarat Riots) पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" को लेकर दिन पर दिन विवाद बढ़ता दिख रहा है. एक ओर जहां भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक (बैन) लगा दिया है. वहीं, सरकार के इस फैसले का विरोध अब देश के कई राज्यों में होते दिख रहा है. इसी कड़ी में अब पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में इस डॉक्यूमेंट्री की ओपन स्क्रीनिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. 

"इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" की स्क्रीनिंग 27 जनवरी की शाम प्रेसिडेन्सी यूनिवर्सिटी में शाम चार बजे होगी जिसको लेकर एक डिजिटल इन्वाइट भी बनाया गया है. इसमें लिखा है, इंडिया द मोदी क्वेश्चन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री... ओपन स्कीनिंग... बैडमिंटन कोर्ट, प्रेसिडेन्सी यूनिवर्सिटी 27 जनवरी (शुक्रवार) शाम 4 बजे. छात्रों का कहना है कि हमें अधिकारी जगह की मंजूरी दें या नहीं दें. हम ये स्क्रीनिंग करेंगे और देखेंगे भी. 

जेएनयू में स्क्रीनिंग के दौरान पत्थराव

वहीं, मंगलवार (24 जनवरी) को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की कोशिश हुई. स्क्रीनिंग शुरू होने से आधा घंटा पहले प्रशासन द्वारा बिजली काट दी गई लेकिन इसके एक गुट छात्रों ने साथ बैठकर लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री चलाई... वहीं, इसी दौरान दो गुटों के छात्र आमने-सामने आ गए और पत्थर बाजी हुई. मामले में शिकायत के बाद एबीवीपी के 25 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. 

हैदराबाद यूनिवर्सिटी में हुई स्क्रीनिंग

इससे पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई. यहां भी हंगामा बरपते दिखा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस स्क्रीनिंग के खिलाफ शिकायत की जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन से मामले पर जवाब मांगा है. 

दुष्प्रचार का नैरेटिव चलाने की कोशिश- विदेश मंत्रालय 

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीते दिनों कहा था, हम यही कहेंगे कि यह भारत के खिलाफ एक खास किस्म का दुष्प्रचार का नैरेटिव चलाने की कोशिश है. यह डॉक्यूमेंट्री दिकाती है कि इससे जुड़े हुए लोग और संगठन एक खास किस्म की सोच रखते हैं क्योंकि इसमें तथ्य और विषय को लेकर तटस्थता नहीं है. 

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