नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद ये उपचुनाव आम आदमी पार्टी के लिए कड़ी परीक्षा है, जबकि कांग्रेस के लिए नींव तलाशने के लिए एक और मौका है. राजौरी विधानसभा उपचुनाव जीत चुकी बीजेपी ने जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है. ये सीट आम पार्टी के विधायक रहे वेदप्रकाश के बीजेपी में चले जाने के बाद खाली हुई है. बीजेपी की ओर से वेदप्रकाश ही उम्मीदवार हैं. आपको बताते हैं कि ये चुनाव अहम क्यों हैं-




  • रजौरी गार्डन उपचुनाव और नगर निगम में हार के बाद केजरीवाल के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है. उन्होंने और उनके मंत्रियों ने यहां जम कर प्रचार भी किया. दिल्ली संयोजक और मंत्री गोपाल राय बवाना ने काफी वक्त तक डेरा डाले रखा. आप को मनोवैज्ञानिक बढ़त तब मिली जब 2013 में यहां से BJP के विधायक रहे गुग्गन सिंह आप में शामिल हो गए.

  • केजरीवाल ने प्रचार के दौरान जम कर वादे किए. आगर आप जीती तो हार का सिलसिला टूटेगा. सतेंद्र जैन और लगे आरोप कापिल मिश्रा के हमलों के बाद से चुप्पी साधे केजरीवाल को नया कॉन्फिडेंस मिलेगा. पार्टी में गोपाल राय का कद बढ़ेगा. हारे तो फिर केजरीवाल के भविष्य पर सवाल खड़ा हो जाएगा.

  • वहीं BJP जीत का सिलसिला बरकारकर रखना चाहती है. BJP के लिए मनोज तिवारी ने पसीना बहाया तो केंद्रीय मंत्रियों ने भी प्रचार किया. पोस्टर पर मोदी और योगी छाए रहे. यहां जीते तो bjp के विधायकों की संख्या 5 हो जाएगी.

  • ये सीट कभी कांग्रेस का गढ़ थी. प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने यहां जम कर मिहनत की है ताकि विधानसभा में कांग्रेस का खाता खुल सके. कांग्रेस में लिए भी उसके बड़े नेताओं ने प्रचार किया.


जाहिर है तीनों पार्टियों के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल है.

जानें तीनों पार्टियों के उम्मीदवारों के बारे में-

  • आम आदमी पार्टी के विधायक वेदप्रकाश के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद बवाना की सीट खाली हुई. वेदप्रकाश आप से पहले BJP में ही थे. 2015 में उन्हें बवाना में एक तरफा जीत मिली थी. वेदप्रकाश को लगभग 1 लाख 10 हजार वोट मिले और उन्होंने BJP के उम्मीदवार को 50 हजार वोटों से हराया. लेकिन MCD चुनाव से ठीक पहले वेदप्रकाश BJP में शामिल हो गए. इलाके का विकास करने में आ रही कथित अड़चनों को वेद प्रकाश ने आप छोड़ने की वजह बताई थी.

  • इसके बाद हुए MCD चुनाव नें यहां के 6 वार्डों में BJP ने 3 वार्ड जीती, 1 सीट आप, 1 BSP और 1 BJP के बागी निर्दलीय के खाते में गई. निर्दलीय के BJP में शामिल हो जाने से फिलहाल BJP के पास 6 में 4 वार्ड हैं.

  • बवाना में बाहरी दिल्ली में आता है और अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. इसमें 26 गांव , स्लम क्लस्टर्स, अनधिकृत कॉलोनियां और रोहिणी सेक्टर 21- 22 के कुछ इलाके आते हैं. यहां लगभग 2.94 लाख मतदाता हैं. 23 अगस्त को हुई वोटिंग में 45% मतदान हुआ था.

  • वेद प्रकाश इस बार BJP के उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने 15 साल तक विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को उतारा है.

  • आप ने रामचंद्र को टिकट दिया है जिन्होंने 2008 का चुनाव BSP की टिकट ओर लड़ा था और उन्हें लगभग 17 हजार वोट मिले थे.

  • ये सीट 1993 में BJP, 1998 से 2013 तक कांग्रेस, 2013 में BJP और 2015 में आप के खाते में गई थी.