गुरुग्राम जोनल ऑफिस की ED की टीम ने 1 अक्टूबर 2025 को बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरूग्राम में 3 जगहों पर छापेमारी की. ये छापे श्रीवन्ती ग्रुप के प्रमोटर डंडामुडी वेंकटेश्वर राव, उनकी कंपनी M/s Sravanthi Infratech Pvt. Ltd. और ग्रुप कंपनी M/s Sravanthi Energy Pvt. Ltd. (SEPL) से जुड़े ठिकानों पर डाले गए.

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मामला एक बड़े बैंक फ्रॉड से जुड़ा है, जिसमें M/s Hythro Power Corporation Ltd. (HPCL), इसके डायरेक्टर्स अमुल गबरानी और अजय कुमार बिश्नोई पर आरोप है कि उन्होंने पब्लिक फंड्स को अपनी कंपनियों और ग्रुप कंपनियों में घुमाया और डाइवर्ट किया. इस गड़बड़ी से बैंकों को साल 2009 से 2015 के बीच करीब 346 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

CBI ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस

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ED ने ये जांच CBI की FIR के आधार पर शुरू की थी. CBI ने आरोपियों पर क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी, चीटिंग और करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि Sravanthi Infratech Pvt. Ltd. पर 2013–15 से ही बकाया 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी है, जिसकी अब तक रिकवरी नहीं हुई.

साथ ही ये भी सामने आया कि 2018–19 और 2019–20 के दौरान Sravanthi Energy Pvt. Ltd. (SEPL) की 18.43 करोड़ रुपये की शेयर वैल्यू (फेस वैल्यू 10 प्रति शेयर) को उसके बैंकर्स से उठाकर विदेशी निवेशकों को सिर्फ 25 पैसे प्रति शेयर की दर पर ट्रांसफर किया गया. 

ED की जांच में अहम दस्तावेज लगे हाथ

ये सब उस समय हुआ, जब कंपनी ने दोनों सालों में 210 करोड़ रुपये से ज्यादा का EBITDA (कमाई) दिखाया था. ED की टीम को छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनमें प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और गिफ्ट डीड, शेयर परचेज एग्रीमेंट, बैंकों और एआरसी के बीच लोन असाइनमेंट एग्रीमेंट, HPCL और उसकी कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स, कंपनी के लेजर और अकाउंट बुक्स, शेयर वैल्यूएशन रिपोर्ट जैसे कागजात शामिल हैं. ED का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है.

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