बिहार के बाद देश के कई राज्यों में चुनाव आयोग की ओर से की जा रही SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव आयोग की तरफ से बूथ लेवल पर मतदाताओं की जानकारी जुटाई जा रही है. अब बांग्लादेश के घुसपैठियों में इस पड़ताल का खौफ देखा जा रहा है. जानकारी मिली है कि पश्चिम बंगाल में SIR के खौफ से करीबन 500 बांग्लादेशी भाग खड़े हुए हैं. यह जानकारी बीएसएफ ने दी है. बीएसएफ के सुरक्षाबलों ने इन्हें इंटरस्पेट किया है.
BSF की 143वीं बटालियन ने इन्हें इंटरस्पेट किया हैजानकारी के मुताबिक, सोमवार के यह सभी लोग 24 परगना जिले के स्वरुपनगर स्थित हाकिमपुर चेक पोस्ट से निकले हैं. इनकी मूवमेंट को बीएसएफ की बटालियन ने नोट किया, साथ ही इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो करीबन एक साल में यह सबसे बड़ी मूवमेंट है. इतनी संख्या में पहली बार अवैध बांग्लादेशी भारत से निकले हैं. बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया है कि करीबन 500 लोगों ने माना है कि वह अवैध रूप से भारत में रह रहे थे. उनके पास किसी भी तरह का पासपोर्ट, वीजा या पहचान पत्र नहीं है.
पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बिराती, मध्यमग्राम, राजराहट, न्यू टाउन और सॉल्ट इलाकों में मजदूरी का काम कर रहे हैं. इन इलाकों में यह सालों से रह रहे हैं. लेकिन अब SIR प्रक्रिया शुरू होने के बाद इनके पास देश छोड़ने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है.
विशेष प्रक्रिया के तहत होंगे घुसपैठिए डिपोर्ट बीएसएफ ने बताया कि बॉर्डर पर जिन लोगों को पकड़ा जाता है, उन्हें एक विशेष प्रक्रिया के तहत वापस डिपोर्ट किया जाता है. इनकी पहचान, बेसिक डाटा जुटाया जाता है, फिर उनके देश के जिम्मेदार अधिकारियों से बात कर वापस भेजा जाता है.
कैसे हो रही सही मतदाताओं की जांचSIR प्रक्रिया के तहत अधिकारी घर-घर जाकर जानकारी जुटा रहे हैं. इसमें साल 2003 की वोटर लिस्ट को आधार बनाया गया है. अगर इसमें नाम नहीं होता है, तो फिर परिवार के किसी सदस्य के नाम होने की बात आयोग के अधिकारी व्यक्ति से पूछते हैं. ऐसी तमाम जानकारी के आधार पर मतदाता होने की पुष्टी की जाती है.