बांग्लादेश में हो रहा बवाल भारत के लिए भी चिंता का सबब बनता जा रहा है. हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग को लेकर पश्चिम बंगाल समेत पूरे भारत में आक्रोश है. नई दिल्ली स्थित उच्चायोग के पास सोमवार (22 दिसंबर) को प्रदर्शनकारियों के एक छोटे समूह के इकट्ठा होने के बाद अनिश्चितकाल के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. भारत ने बांग्लादेश के राजदूत को तलब किया है. अल्पसंख्यकों और राजनयिक मिशनों पर हो रहे हमलों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है.
इसका असर कोलकाता की सड़कों पर भी साफ दिखाई दे रहा है, जहां बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. ये प्रदर्शन मयमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या और जलाए जाने की घटना से भड़के आक्रोश और इस्लामी भीड़ हिंसा के बढ़ते खतरे के कारण हुए. इस उथल-पुथल के मूल में घटनाओं की भयावह श्रृंखला है.
इन सबके अलावा मीडिया संस्थानों पर हमले हुए हैं. पत्रकार जलती हुई इमारतों में फंसे हुए रहे. अल्पसंख्यक सुरक्षा की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं और वे राजनीतिक मंच जो कभी अंतरिम सरकार का समर्थन करते थे, अब उसे गिराने की धमकी दे रहे हैं.
वीजा सेवाएं निलंबितबांग्लादेश ने राजनयिक परिसरों के पास हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए नई दिल्ली स्थित उच्चायोग, त्रिपुरा और सिलीगुड़ी स्थित दूतावासों में भी वीज़ा सेवाएं निलंबित कर दी हैं. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेश के राजदूत को तलब किया और अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है.
कोलकाता की सड़कों पर आक्रोश बांग्लादेश के मयमनसिंह में हिंदू युवा दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने आंदोलन की भी चेतावनी दी, जो भारत में जनता के गहरे आक्रोश को दर्शाता है.
गिरफ्तार लोगों में फैक्ट्री अधिकारी भी शामिलदीपू चंद्र दास की हत्या मामले में अब तक कम से कम 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें फैक्ट्री सुपरवाइजर और सहकर्मी शामिल हैं. जांचकर्ताओं का कहना है कि दीपू को पुलिस के हवाले करने के बजाय जबरन इस्तीफा दिलवाया गया और फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया. कानून प्रवर्तन अधिकारियों का कहना है कि इस देरी ने उसकी जान ले ली.
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