कोलकाता: पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने इस बयान से विवाद खड़ा कर दिया है कि सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को बीजेपी शासित राज्यों में कुत्तों की तरह गोलियों से मारा गया. इस पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी कड़ी आपत्ति जताई है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने घोष के बयान को ‘गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया है.


सुप्रियो ने ट्वीट किया, ‘‘पार्टी के नाते भाजपा का उससे कुछ लेना देना नहीं है जो दिलीप घोष ने अपनी कल्पना के अनुरूप कहा होगा. उत्तर प्रदेश और असम में भाजपा सरकारों ने कभी भी लोगों पर गोलियां नहीं चलाईं, कारण जो भी रहा हो. दिलीप दा ने जो कहा, वो बहुत गैरजिम्मेदाराना है.’’



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तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने घोष पर हमला करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी बीजेपी की इस सोच को दिखाती है कि उन्हें असहमति बर्दाश्त नहीं है. तृणमूल कांग्रेस महासचिव और प्रदेश सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘समिति भाजपा की सोच दिखाती है. यह दिलीप घोष का इकलौता बयान नहीं है. यह भाजपा की सोच और एजेंडा है. वे असहमति पसंद नहीं करते.’’


क्या कहा था दिलीप घोष ने


दिलीप घोष ने सीएए विरोधी हिंसक प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की घटनाओं के लिए उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की बीजेपी सरकारों का बचाव किया था और कहा था कि उन्होंने सही किया. बीजेपी नेता ने कहा था कि आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल लोगों को उत्तर प्रदेश की तरह गोली मार देनी चाहिए.


घोष ने कहा, ‘‘वे यहां आते हैं, सारी सुविधाओं का फायदा उठाते हैं और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं. क्या यह उनकी जमींदारी है?’’ उन्होंने ने मांग की कि हिंदू बंगालियों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे लोगों को पहचानना होगा. घोष के बयान पर सीपीएम के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘भाजपा दावा कर रही है कि उनकी राज्य सरकारों ने गोली नहीं चलाई. अब सच सामने आ गया है. दिलीप घोष ने हकीकत बयां कर दी है.’’


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