Azam Khan Exclusive Interview: समाजवादी पार्टी के दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान (Azam Khan) जेल से बाहर आ चुके हैं. उनके छूटने के साथ ही राज्य के सियासत में अटकलों का बाजार एक बार फिर से गर्म होने लगा है. एक तरफ जहां आजम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मुलायम यादव (Mulayam Yadav) से नाराज बताए जा रहे वहीं दूसरी तरफ उनके अगले कदम को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. 


इस बीच आजम खान ने जेल से बाहर आने के बाद  ABP से खास बातचीत की है. बातचीत में अपने ऊपर 90 केस दर्ज होने पर उन्होंने कहा कि उनपर इतना मुकदमा केवल 20 दिन के अंदर दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि उनपर इतने सारे मुकदमें हुए लेकिन अबतक उन्हें इसकी वजह नहीं पता चल पाई है. मैं निशाना क्यों बना ये निशाना बनाने वाला ही जाने. 


उन्होंने कहा कि मुझपर डकैती के मामले लगाए गए हैं. आजम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे नहीं पता मैंने क्या गुनाह किया है. हालांकि हो सकता है कि शिक्षा क्षेत्र में काम करना गुनाह है. आजम ने कहा कि मैं स्कूल से लेकर कॉलेज में बच्चों की शिक्षा पर काम किया है ताकि उनकी पढ़ाई सस्ते में हो जाए. 


आजम खान (Azam Khan) पर दलितों के जमीन पर कब्जा कर यूनिवर्सिटी बनाने का भी आरोप लगाया गया है. इसपर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह आरोप पूरी तरह गलत है. लेकिन अगर ऐसे है भी तो शिक्षा के मंदिर की मदद होनी चाहिये थी. हालांकि उन्होंने साफ किया कि जमीन को पूरे प्रक्रिया के तहत लिया गया था. 


कपिल सिब्बल ने दिया कानूनी लड़ाई में साथ


आजम खान ने कपिल सिब्बल को धन्यवाद करते हुए कहा कि कोर्ट के काम में उन्होंने बहुत साथ दिया है. उन्होंने सिब्बल के राज्यसभा सांसद बनने पर कहा कि मुझे खुशी है वो हमारे साथ हैं. वह एक अच्छे इंसान होने के साथ एक बड़ा नाम भी हैं. 


आजम खान से पूछा गया कि सियासी दुनिया में इस बात की चर्चा हो रही है कि सिब्बल के नाम की पैरवी आपने ही की है. इसके जबाव में उन्होंने कहा कि क्या हुआ, कैसे हुआ इसपर बात करना जरूरी नहीं. हालांकि उन्होंने कहा कि वह ऐसी राजनीति पर विश्वास नहीं करतें. आजम ने कहा कि अगर वह ऐसी राजनीति करते तो आज उनपर इतने मुकदमें दर्ज नहीं किए गए होते.



संन्यास की बात कह गए आजम खान


जेल में मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) का उनसे मिलने नहीं आने पर आजम खान ने कहा कि हो सकता है कि उन्हें समय नहीं मिला होगा. उन्होंने कहा कि मुझे थर्ड ग्रेड के बैरक में रखा गया था. जहां किसी तरह की सुविधाएं नहीं थी. मुलायम जी ये देखते तो उन्हें बहुत बुरा लगता. इसलिए उनका नहीं आना ही ठीक था.


किसी दूसरी पार्टी में जाने के सवाल पर आजम खान (Azam Khan) ने कहा कि राजनीति बहुत जरूरी नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो संन्यास ले लेंगे. सपा छोड़ने, न छोड़ने का इस मौके पर सवाल ही नहीं है.


अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से खराब रिश्तों को लेकर जब सवाल किया गया तो आजम खान (Azam Khan) ने कहा कि उनसे खराब रिश्तों की कोई वजह ही नहीं है. मैं अपने को उस जगह समझता ही नहीं हूं कि मैं कोई शिकवा, शिकायत और दावेदारी करूं.


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