नई दिल्ली: एक्सिस बैंक के नोएडा सेक्टर 51 में हुए घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. बैंक में 40 बोगस कंपनियों के खातों का खुलासा हुआ था. आगे की जांच में यहां काले धन को सफेद करने के बड़े रैकेट का पता चला है, जिसके पीछे कई सफेदपोश लोगों के होने का शक जताया जा रहा है.
नोएडा के सेक्टर 51 स्थित एक्सिस बैंक की जांच के दौरान हो रहे है बडे खुलासे जांच एजेसियो को अब तक इन खातों के जरिए जो सुराग हाथ लगे हैं उनके मुताबिक नोट बंदी के बाद लगभग 800 करोड़ रुपये के सोने को खरीदा और बेचा गया मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
नोएडा सेक्टर 51 में एक्सिस बैंक की शाखा में 40 बोगस कंपनियों के खाते खोल गए थे. शुरूआती जांच में आयकर अधिकारियों को पता चला कि उन खातों में 80 से 100 करोड़ रुपए जमा कराए गए और ये रकम RTGS के जरिए जिन खातों में भेजी गई वो कई बड़े ज्वैलर्स के थे. नोटबंदी के बाद इन ज्वैलर्स ने करीब 800 करोड़ रुपए के सोने की खऱीद फरोख्त की थी.
सूत्रो के मुताबिक आयकर विभाग ने जब इन ज्वैलरों से सोना खरीदने वालों की सूची मांगी और आरंभिक जांच की तो शक और गहरा गया क्योंकि इस सूची में दिखाया तो गया था कि सोना तीन कंपनियो ने खरीदा गया है लेकिन ज्वैलर से तीन कंपनियों के नाम पर एक ही आदमी ने सोना रिसीव किया है. जांच एजेसियों को शक है कि ये सारा धन काले को सफेद किया गया हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जो बोगस कंपनियां खोली गईं, उनमें से कई के पते फर्जी थे या फिर उन पतों पर कोई नहीं मिला. जिस एक कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर नंदू नाम के शख्स का पता चला है वो साफ- साफ कह रहा है कि ये न तो उसके खाते थे न ही वो कंपनी का डायरेक्टर है. वो इसके लिए केस भी दर्ज करा चुका है और उसी केस के आधार पर ईडी ने भी मुकदमा दर्ज कर लिया है.
ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि वो कौन शख्स है जो पर्दे के पीछे रह कर काले धन की बिसात पर अपनी चाले चल रहा है और उसके इस खेल में कौन से बैंक कर्मी और ज्वैलर शामिल हैं और सबसे बड़ी बात ये कि ये काला धन आखिर है किसका.