नॉर्थ-ईस्ट में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का विरोध! प्रदर्शन करने वाले बोले- बीफ हमारे खाने का हिस्सा
Gau Dhwaj Sthapana Bharat Yatra Protest: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के चार्टर्ड विमान को शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में उतरने की अनुमति दी गई, लेकिन वह बाहर नहीं निकल सके.
Gau Dhwaj Sthapana Bharat Yatra Protest in Meghalaya: नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के बाद अब मेघालय में भी शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की ‘गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा’ का विरोध शुरू हो गया है. पूर्वी खासी हिल्स जिले के जिला मैजिस्ट्रेट ने धारा 163 बीएनएसएस के तहत निषेधाज्ञा जारी कर जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को मेघालय में उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में इस यात्रा को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है. शंकराचार्य को 'गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा' के तहत शनिवार को मेघालय पहुंचना था, जो गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर निकाली जा रही है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राज्य सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सूचित किया है कि वह शंकराचार्य के चार्टर्ड विमान को उतरने की अनुमति न दे.
नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भी एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकल पाए
इससे पहले शंकराचार्य के शुक्रवार को ही पहुंचने की खबर मिलने के बाद कई ग्रुप के सदस्य शुक्रवार को ही शिलांग हवाई अड्डे पर पहुंच गए थे. मीडिया से बात करते हुए इन लोगों ने बताया कि असम को छोड़कर पूर्वोत्तर के सभी लोगों के लिए गोमांस मुख्य आहार का हिस्सा है और वे यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई भी उन्हें बताए कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. गुरुवार को उत्तराखंड में ज्योतिर मठ पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के चार्टर्ड विमान को अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में उतरने की अनुमति दी गई, लेकिन अधिकारियों के अनुरोध के बाद वे हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकल पाए, क्योंकि अधिकारियों ने उनसे कहा था कि ऐसा करने से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.
अरुणाचल प्रदेश में छात्र संगठन ने किया विरोध
होलोंगी के डोनी पोलो हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद शंकराचार्य को अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ (AAPSU) के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा. इसके बाद वे दीमापुर गए और शनिवार को कोहिमा में एक गौ रक्षा कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उन्हें वहां से भी लौटना पड़ा. इस महीने की शुरुआत में 35 राज्यों में गौ रक्षा अभियान पर जाने का संकल्प लेते हुए शंकराचार्य ने कहा था, "हम 100 करोड़ हिंदुओं की ओर से सरकार से कहना चाहते हैं कि गौ हत्या बंद होनी चाहिए और इस पर एक कानून बनाया जाना चाहिए."
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