Atul Subhash Case: सुप्रीम कोर्ट सोमवार (20 जनवरी) को बेंगलुरू के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुनवाई करेगा. सुभाष की मां 'अंजू देवी' ने अपने चार वर्षीय पोते की कस्टडी की मांग करते हुए याचिका दायर की है. अतुल ने पिछले साल अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी. 

इससे पहले 7 जनवरी को शीर्ष अदालत ने अंजू देवी को पोते की कस्टडी देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह फिलहाल बच्चे के लिए अजनबी है. शीर्ष अदालत ने कहा था, 'यह कहते हुए खेद हो रहा है, लेकिन बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है. यदि आप चाहें तो बच्चे से मिलें. यदि आप बच्चे की कस्टडी चाहते हैं तो इसके लिए अलग प्रक्रिया है.'

सुभाष की मां ने निकिता पर लगाया पोते को छिपाने का आरोप

पिछली सुनवाई में सुभाष की मां के वकील ने सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया पर नाबालिग को छुपाने के आरोप भी लगाए थे. इस पर निकिता के वकील ने बताया था कि अतुल सुभाष का बेटा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है.

अतुल ने 9 दिसंबर को लगाई थी फांसीएक निजी कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर 34 वर्षीय सुभाष ने 9 दिसंबर, 2024 को बेंगलुरू में फांसी लगा ली थी. इससे पहले उन्होंने वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा था. इस नोट में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया (अलग रह रही) और उनके ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. बाद में सिंघानिया परिवार को सुभाष को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और 4 जनवरी को सशर्त जमानत दी गई. मृतक के भाई की शिकायत के आधार पर सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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