Pahalgam Terror Attack : अटारी-वाघा बॉर्डर मार्ग से पाकिस्तान वापस लौटने वाले कई लोगों का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी सजा मिले, लेकिन आम लोगों को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े. भारत ने घोषणा की है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा (रविवार) 27 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे और पाकिस्तान में रहने वाले भारतीयों को जल्द से जल्द स्वदेश लौटने की सलाह दी गई है.

पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. भारत सरकार ने कहा है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी मेडिकल वीजा (मंगलवार) 29 अप्रैल तक वैध है.

पाकिस्तानी नागरिक अपने परिवार से मिलने आए थे भारत

हालांकि, वापस लौट रहे कई पाकिस्तानी नागरिकों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे. कुछ लोग शादियों में शामिल होने आए थे, लेकिन अब उन्हें बिना शामिल हुए ही अपने देश पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है.

अपने पति के साथ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर आईं कराची निवासी बस्करी ने कहा, “आज मेरी भतीजी की शादी थी. मैं 10 साल बाद आई हूं, लेकिन फिर भी समारोह में शामिल नहीं हो पाई.” उनके पति मोहम्मद रशीद ने कहा कि वे 10 अप्रैल को 45 दिन के वीजा पर भारत आए थे. उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी का जन्म भारत में हुआ था और मेरे ससुराल वाले यहीं रहते हैं. शादी आज सहारनपुर जिले में होनी थी. पुलिस हमारे रिश्तेदार के घर आई और हमें तुरंत चले जाने को कहा.” उन्होंने कहा, “शादी के दिन ही चले जाना दुखद है. दोनों देशों के बीच शांति बनी रहनी चाहिए.”

मोहम्मद रशीद ने कहा, “पहलगाम में जो कुछ भी हुआ, वह गलत है. इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन आम लोगों को इसका खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए. ऐसी हरकतें करने वालों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. दोनों तरफ के आम लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं. मुट्ठीभर आतंकवादी माहौल खराब करते हैं.”

वहीं, पाकिस्तान लौट रहे एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि वह अपनी मां के इलाज के लिए भारत आए थे और वह भाग्यशाली रहे कि उनकी मां का इलाज कुछ दिन पहले ही खत्म हुआ.

पाकिस्तान से अपनी बेटियों से मिलने आए थे बली राम

पाकिस्तान के उत्तरी सिंध के घोटकी निवासी बली राम ने कहा कि जब हमले की खबर आई तो वह रायपुर में अपनी तीन बेटियों से मिलने गए थे. उन्होंने कहा, “मैं 5 अप्रैल को आया था, लेकिन अब मुझे वापस जाना पड़ रहा है. इस कृत्य को अंजाम देने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन निर्दोष पर्यटकों का इसमें क्या दोष?”

परिवार की शादियों में शामिल होने आए थे पाकिस्तानी नागरिक

कराची निवासी दौलत एक शादी के लिए 45 दिन के वीजा पर जोधपुर आई थीं. उन्होंने कहा, “पहलगाम में जो कुछ भी हुआ वह अच्छा नहीं है. ऐसा नहीं होना चाहिए था.”

मुजम्मिल ने मंगलवार (22 अप्रैल) के आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि “उन आतंकियों को फांसी पर लटका देना चाहिए.”

वहीं, रावलपिंडी के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि वह अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए लखनऊ आए थे, लेकिन अब उन्हें अपनी यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ रही है.