हालांकि अभी तक लंगूर की मौत के सही कारण का पता नहीं चला है, लेकिन जानकारों का मानना है कि उसकी मौत अकेलेपन और अवसाद के चलते हुई है. बता दें कि इस गोल्डन लंगूर की मौत की पुष्टि सबसे पहले उमानंद फारेस्ट के आईएफएस अधिकारी प्रवीण कस्वां ने की.
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट में लिखा कि असम के उमानंद द्वीप के अंतिम जीवित गोल्डन लंगूर का निधन हो गया है. भूटान और पश्चिमी असम के कुछ हिस्सों में पाए जाने वाले गोल्डन लंगूर भारत के सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है.
गोल्डन लंगूर के संरक्षण के लिए भारत सरकार कई प्रयास कर रही है. बावजूद इसके हाल के वर्षों में इसकी संख्या में तेजी से कमी आई है.
वहीं ग्रीन बड एनजीओ के सचिव देवजीत मोरन ने बताया कि उमानंद द्वीप गोल्डन लंगूरों का प्राकृतिक निवास स्थान था. लेकिन पिछले कुछ सालों से इनकी संख्या घटकर एक रह गई थी और अब यह समाप्त है.
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