असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार (28 अक्टूबर, 2025) को आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित ‘पूरा खरगे परिवार’ असम विरोधी है. उन्होंने यह आरोप तब लगाया है, जब एक दिन पहले ही कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री प्रियांक खरगे से उनकी असम में सेमीकंडक्टर इकाई जैसे बड़े प्रौद्योगिकी आधारित उद्योग स्थापित करने के मुद्दे पर बहस हुई थी.
प्रियांक कांग्रेस प्रमुख के बेटे हैं और कर्नाटक कांग्रेस शासित राज्य है. सरमा ने दावा किया, ‘मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे असम के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं. उनके पिता ने भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिए जाने पर बेहद शर्मनाक टिप्पणी की थी.’
पिता ने भूपेन हजारिका, बेटे ने असम के युवाओं का किया अपमान
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कर्नाटक के आईटी मंत्री को असम की संस्कृति और यहां के युवाओं की दक्षता के बारे में बताना चाहिए. सरमा ने यहां एक आधिकारिक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘पूरा खरगे परिवार असम विरोधी है. पिता ने भूपेन हजारिका का अपमान किया था और बेटे ने असम के युवाओं का अपमान किया. मुझे लगता है कि कांग्रेस को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.’
प्रियांक खरगे ने रविवार को कहा कि केंद्र की ओर से दबाव डाले जाने के बाद कर्नाटक के लिए निर्धारित निवेश को गुजरात और असम की ओर मोड़ दिया जा रहा है. उन्होंने कथित तौर पर पूछा, ‘सेमीकंडक्टर उद्योग असम और गुजरात क्यों जा रहे हैं, जबकि वास्तव में उन्हें बेंगलुरु आना चाहिए? गुजरात में क्या है, क्या वहां प्रतिभा है, असम में क्या है, क्या वहां प्रतिभा है?’
'बड़े उद्योग स्थापित करने की प्रतिभा नहीं'
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने सोमवार को प्रियांक को ‘अव्वल दर्जे का मूर्ख’ कहा. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में सेमीकंडक्टर इकाई जैसे बड़े उद्योग स्थापित करने के लिए कोई प्रतिभा नहीं है, वाले बयान के लिए असम सरकार कर्नाटक के मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने पर विचार कर रही है.
असम CM के आरोपों पर प्रियांक खरगे का पलटवार
प्रियांक खरगे ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री पर उस बयान को ‘राजनीतिक रंग’ देकर अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि सरमा को इस बात पर विचार करना चाहिए कि युवा काम की तलाश में असम क्यों छोड़ रहे हैं.
खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा के लगभग एक दशक के शासन के बाद, नीति आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, असम अब स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विकास संकेतकों में सबसे निचले पांच राज्यों में शामिल है. उन्होंने दावा किया कि सरमा केवल अपनी संपत्ति बढ़ाने में कामयाब रहे हैं.
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