Himanta Biswa Sarma On Polygamy: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुस्लिमों के बीच प्रचलित बहुविवाह की परंपरा को लेकर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार (18 मई) को कहा कि मुस्लिम धर्मावलंबियों के मुताबिक बहुविवाह (पॉलीगेमी) का साधारण सा उद्देश्य है कि मुस्लिम मां-बहनों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार न हो. 


उन्होंने कहा कि बहुविवाह फिलहाल मुस्लिमों के बीच कानूनी है. अगर कोई हिंदू बहुविवाह करता है तो यह गलत है.इस दौरान उन्होंने ये भी इशारा किया कि अगस्त या सितंबर तक असम सरकार बहुविवाह के खिलाफ कोई कानून ला सकती है. 


'पैगंबर मुहम्मद ने भी कहा था...'


हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि अगर कोई हिंदू महिला या हिंदू पुरुष एक ही शादी करेगा तो मुस्लिम युवक का तीन-तीन चार-चार शादी करना क्यों जरुरी है? उन्होंने कहा कि ये धार्मिक विश्वास की बात नहीं है. अगर किसी ने कुरान शरीफ पढ़ी हो तो पता चलेगा कि हजरत मुहम्मद साहब ने खुद बहुविवाह पर अपनी बात रखी है.


उन्होंने कहा कि पैगंबर की जो शिक्षा है, वो हमारे समाज के लिए बहुत उच्च स्तर की शिक्षा है. पैगंबर मुहम्मद ने कहा था कि इस्लाम में एक विवाह करना कानून है और बहुविवाह करना अपवाद है. सीएम सरमा ने आगे कहा कि मैं इस मुद्दे पर किसी भी इस्लामिक स्कॉलर से बहस करने के लिए तैयार हूं.


सीएम सरमा ने कहा कि इस्लाम में पैगंबर मुहम्मद की कही बात अल्लाह का संदेश मानी जाती हैं. पैगंबर ने ही कहा है कि एक विवाह करना कानून है और बहुविवाह अपवाद है. 


बहुविवाह पर बैन लगाने की हो रही तैयारी


हाल ही में असम सरकार ने राज्य में बहुविवाह प्रथा पर प्रतिबंध लगाने लिए एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. यह समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि राज्य सरकार के पास बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है या नहीं. बताया जा रहा है कि ये समिति छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट दाखिल कर देगी.


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