असम सरकार ने राज्य में गरीबी रेखा से ऊपर के सभी अपात्र लाभार्थियों से राशन कार्ड वापस लेने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में संबंधित अधिकारियों को इसको लेकर जरूरी कदम उठाने के दिशानिर्देश दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी निर्देश दिया है कि राज्य में राशन कार्ड धारकों की संख्या के आधार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चल रही राशन की दुकानों की कार्यप्रणाली तय की जाए.
मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट (NFSA) के क्रियान्वयन को लेकर शनिवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई थी. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग (FCS&CA) और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ ये बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो नियमों में संशोधन करते हुए ये तय करे कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चल रही राशन की दुकानों को परिवहन शुल्क के तौर पर प्रति क्विंटल 143 रुपये मिले. इस बैठक में कृषि एवं सहकारिता विभाग के मंत्री अतुल बोरा और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
सहकारी समितियों को निभानी होगी सुपरवाइजर की भूमिका
राज्य में FCS&CA विभाग को अब से सरकार के बजट में से फंड प्रदान किया जाएगा. जिसे राज्य की सभी ग्राम पंचायत सहकारी समितियों को आवंटित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस तरह के कदम से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने साथ ही आवश्यक वस्तुओं की परिवहन लागत को कम से कम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, राज्य में खाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत प्रभावी तरीके से कार्य हो इसके लिए अब से सहकारी समितियों को सुपरवाइजर की भूमिका निभानी होगी.