असम के AIUDF नेता रफीकुल इस्लाम ने SIR को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटता दिख रहा है. रफीकुल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्त पर गंभीर इल्जाम लगने के बावजूद उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, जबकि यह उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि मतदाताओं के अधिकार की रक्षा करें.
चुनाव आयोग को देना चाहिए जवाब- रफीकुलरफीकुल इस्लाम ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और उसकी जिम्मेदारी है कि हर नागरिक को वोट देने का अधिकार मिले. उन्होंने कहा- 'बिहार में SIR चल रहा है, जिसमें कई अनियमितताओं के आरोप हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी है कि वे सब कुछ स्पष्ट करें... सभी को वोट देने का अधिकार मिलना चाहिए. अगर किसी ने कोई धांधली की है, तो राहुल गांधी द्वारा संरक्षण देने के आरोप सही हैं... उन्हें आगे आकर हर आरोप का जवाब देना चाहिए.'
रफीकुल का आरोप- मुख्यमंत्री छुपा रहे हैं जानकारीAIUDF नेता ने असम के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक तरफ जिला चुनाव अधिकारी और बीएलओ स्तर पर काम शुरू हो चुका है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्हें कुछ पता ही नहीं है. इस्लाम ने सवाल उठाया कि अगर राज्य में SIR प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी क्यों नहीं है, और अगर जानकारी है तो इसे जनता से छुपाया क्यों जा रहा है.
लोगों को दी जानी चाहिए पूरी जानकारी- रफीकुलरफीकुल इस्लाम ने कहा कि अभी तक SIR की कोई आधिकारिक अधिसूचना सामने नहीं आई है. उन्होंने मांग की कि सरकार और चुनाव आयोग स्पष्ट करें कि यह प्रक्रिया कैसे चलेगी, क्या शर्तें होंगी और लोगों को क्या करना होगा. उन्होंने कहा कि यह काम छुपकर करने की बजाय लोगों को जागरूक करके और उनकी मदद से होना चाहिए.