मुंबई: मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत में गर्माता जा रहा है. इसी मसले पर शनिवार को महाराष्ट्र कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग भी हुई. मीटिंग में तय किया गया कि पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की जाएगी. 


बैठक में यह भी तय किया गया कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विश्लेषण करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो कि अपनी रिपोर्ट 15 दिन में देगी. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन पर विचार किया जा रहा है. 






बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को खारिज कर दिया था और इसे असंवैधानिक करार दिया था. न्यायालय ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के मंडल फैसले (इंदिरा साहनी फैसले) को वृहद पीठ के पास भेजने से भी इनकार कर दिया था.


सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण मामले में जो फैसला सुनाया है, उससे दुख पहुंचा है. उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सरकार मराठा समाज के साथ है. सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने जो हिम्मत अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिखाई थी, वैसे ही हिम्मत मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए दिखाएं. यही मेरी उनसे विनती है.


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