Asaduddin Owaisi On Bihar Voters List: हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें बिहार चुनावों में मतदाता सत्यापन के लिए पहले से मौजूद 11 दस्तावेजों के साथ-साथ तीन और दस्तावेजों - आधार कार्ड, वोटर ID (EPIC) और राशन कार्ड को मान्यता देने का निर्देश दिया गया है. ओवैसी ने इसे मतदाता सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में 'एक अहम कदम' बताया है.
केवल रिकॉर्ड नहीं, पहचान का सशक्त प्रमाणसुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि ये तीनों दस्तावेज सिर्फ रिकॉर्ड के लिए नहीं, बल्कि जन्म तिथि और जन्म स्थान के प्रमाण के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं. ओवैसी ने कहा कि यह निर्णय 1995 के बाबू लाल हुसैन केस की कानूनी नजीर का पालन करता है और इसे पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए.
AIMIM की याचिका और कानूनी प्रयासइस मुद्दे पर AIMIM के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील मोहम्मद निज़ाम पाशा ने पैरवी की. ओवैसी ने इस कानूनी प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम बिहार के मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है.
ECI की 'गलत व्याख्या' पर उठाए सवालहालांकि, ओवैसी ने चुनाव आयोग (ECI) की कुछ 'स्रोतों' पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर रहे हैं और इसे केवल रिकॉर्ड रखने तक सीमित मान रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि यह आदेश मतदाता सत्यापन को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने के लिए है.
बिहार में इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया का हिस्सायह आदेश बिहार में चल रही इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया के तहत आया है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाना है. ओवैसी ने कहा कि यह निर्णय न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश में मतदाता पहचान को सुदृढ़ करेगा.
AIMIM की अपील – दस्तावेज तैयार रखेंAIMIM ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने दस्तावेजों - आधार, वोटर ID और राशन कार्ड को तैयार रखें ताकि सत्यापन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए. पार्टी ने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने की भी बात कही है.