Asaduddin Owaisi Attack On BJP: हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि यदि यह विधेयक वक्फ की सुरक्षा के लिए था, तो संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश किए जाने के दौरान "JSR" के नारे लगाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
दरअसल, संयुक्त संसदीय समिति (JPC ) ने गुरुवार (13 फरवरी, 2025) को लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर अपनी रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट पर लंबे समय से राजनीतिक विवाद चल रहा था, खासतौर पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी के असहमति नोट्स (Dissent Notes) को हटाने को लेकर.
समिति के सदस्य और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के असहमति नोट्स के कई हिस्सों को 30 जनवरी को स्पीकर को सौंपी गई रिपोर्ट से हटा दिया गया था. इसी को लेकर ओवैसी और अन्य विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर हटाए गए नोट्स को पुनः शामिल करने की मांग की.
19 पैराग्राफ वापस जोड़े गएओवैसी के असहमति नोट्स के कुल 40 पैराग्राफ में से 19 को रिपोर्ट में शामिल कर लिया गया है. हालांकि, 21 पैराग्राफ अभी भी रिपोर्ट का हिस्सा नहीं बनाए गए. 30 जनवरी को लोकसभा स्पीकर को सौंपी गई रिपोर्ट में ओवैसी के 40 पैराग्राफ हटाए गए थे, जिसके बाद अब 19 पैराग्राफ बहाल कर दिए गए हैं.
असहमति नोट्स में क्या कहा गया?ओवैसी के असहमति नोट के पैराग्राफ 1.3.5 को पहले हटाने के बाद रिपोर्ट में जोड़ा गया. इसमें उन्होंने लिखा कि समिति ने अनुसूचित जनजातियों और उनकी भूमि की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाई है. समिति ने सरकार को सिफारिश की है कि अनुसूचित जनजातियों की जमीनों को वक्फ संपत्ति घोषित करने से रोकने के लिए कानून बनाया जाए. हालांकि, समिति ने यह स्वीकार नहीं किया कि कुछ अनुसूचित जनजाति समुदाय के सदस्य मुस्लिम भी हो सकते हैं. अनुसूचित जातियों के विपरीत, यदि कोई अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति इस्लाम धर्म अपनाता है, तो उसकी जनजातीय पहचान समाप्त नहीं होती.इस आधार पर, मुस्लिम अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को वक्फ संपत्ति बनाने का अधिकार मिलना चाहिए.
सरकार ने दी सफाईसरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने स्पष्ट किया कि JPC रिपोर्ट में सभी सदस्यों के विचार शामिल किए गए हैं, और किसी भी हिस्से को हटाया नहीं गया है.