हैदराबाद: सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के बीच हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अब एनपीआर की भी मुखालफत शुरू कर दी है. तेलंगाना के आसिफाबाद जिले में चुनाव प्रचार के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना सरकार के साथ-साथ गैर भाजपा शासित राज्यों से एनपीआर पर रोक लगाने की मांग की.
एनपीआर की मुखालफत में तमाम तर्क देने के साथ साथ ओवैसी ने संविधान बनाने के दौरान संविधान सभा की मीटिंग से जुड़ी कहानियों को सुनाकर धर्मनिरपेक्षता की बात कही. कानून की मुखालफत में हैदराबाद में तिरंगा मार्च करने के साथ ही असदुद्दीन ओवैसी 25 जनवरी की रात गणतंत्र दिवस का तिरंगा हैदराबाद की चारमीनार में फैलाने जा रहे हैं.
तेलंगाना के म्युनिसिपल इलेक्शन में ओवैसी राज्य के दौरे पर हैं, जहां वो सभाओं में इस नए कानून की मुखालफत करने की बातें कह रहे हैं. ओवैसी ने अपने समर्थकों को बताया कि एनपीआर तेलंगाना के मुसलमान, आदिवासी, गरीब और दलित के खिलाफ है और यह करना राज्य के गरीबो के साथ नाइंसाफी होगी. बीजेपी को घेरते हुए ओवैसी ने कहा कि बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है और मुल्क की खूबसूरती यह है कि यह हिंदू मुस्लिम सिख इसाई किसी एक का मुल्क नहीं है, बल्कि सबका मुल्क है.
धर्मनिरपेक्षता की कहानी सुनाते हुए ओवैसी ने समर्थकों को संविधान सभा का एक किस्सा सुनाया कि कैसे प्रियमबल लिखने के दौरान एक सदस्य ने ईश्वर के नाम से प्रियम्बल के शुरुआत की बात कही, तो राजेंद्र प्रसाद ने इसकी मुखालफत की. संविधान की पहली प्रति में टीपू सुलतान लक्ष्मी बाई की तस्वीरें थीं, यह बताने के लिए कि ये किसी एक का नहीं बल्कि सबका मुल्क है. अपनी तकरीर के दौरान बार-बार बीजेपी को घेरते हुए ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा इस देश को एक मजहब एक जुबान एक तहजीब का मुल्क बनाना चाहते हैं.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ये एलान किया है कि 25 जनवरी की रात चारमीनार पर 26 जनवरी का जश्न मनाएंगे और फिर 30 जनवरी को गांधी की पुण्यतिथि पर ह्यूमन चेन का सुबह 11 बजे आगाज़ होगा.
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