अक्सर अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक इंटरव्यू में वक्फ कानून, बिहार विधानसभा चुनाव, पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच और असम बीजेपी के खिलाफ अपनी राय रखी. उन्होंने सरकार की नीतियों और कथित भेदभाव को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए.

Continues below advertisement

वक्फ कानून पर ओवैसी का विवादित बयानओवैसी ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि वक्फ कानून के जरिए सरकार मुसलमानों की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि 'मोदी जी नहीं तय करेंगे आपकी दाढ़ी कितनी लंबी होगी, नमाज पढ़नी है या नहीं, फातिहा आती है या नहीं, ये प्राइवेसी का मामला है, सरकार को इसमें दखल देना गलत है.' ओवैसी ने सवाल उठाया कि गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी में क्या कभी कोई हिन्दू सदस्य बनाया जाएगा? और जो सरकारी नॉमिनेशन से आते हैं, क्या वो वक्फ प्रॉपर्टी की रक्षा करेंगे? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह चलता रहा तो मुसलमान कल अपनी मस्जिद भी खो बैठेंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव पर ओवैसी की नजरबिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी ओवैसी ने जोरदार टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सीमांचल की जनता बदलाव चाहती है और यह क्षेत्र भ्रष्टाचार से परेशान है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय नेता अख्तरुल ईमान ने लालू यादव को खत लिखकर केवल 6 सीटें मांगी थीं. ओवैसी ने स्पष्ट किया कि सरकार ने सीमांचल में घुसपैठियों का मुद्दा बना कर लोगों का ध्यान भटकाया है.

Continues below advertisement

पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच पर ओवैसी का बयानपाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच को लेकर ओवैसी ने बेहद तीखा रुख अपनाया. उन्होंने कहा, 'ये ऐसे पहलवान हैं जो क्रिकेट मैच नहीं रोक सकते, पाकिस्तान के साथ मैच खेलना सरकार की कमजोरी है.' उन्होंने सवाल उठाया कि करतारपुर और ननकाना साहिब की पवित्र जगहों तक लोग नहीं जा सकते, लेकिन पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलकर सरकार आर्थिक लाभ कमाने की कोशिश कर रही है. ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर ये मैच नहीं खेला जाता तो लश्कर जो फिर से नए कैंप खोलने का प्रयास कर रहा है, उसे सख्त संदेश जाता.

असम बीजेपी के ट्वीट पर कड़ा विरोधअसम बीजेपी के एक्स पोस्ट पर भी ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'यही इनका काम है, समाज में जहर फैलाना, मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाना.' उन्होंने इस कदम को साम्प्रदायिकता भड़काने वाला बताते हुए पूरी तरह से खारिज किया.