नई दिल्ली: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जेलों में मुस्लिम पुरुषों को पहले से ही बड़ी संख्या में रखा गया था, लेकिन अब उनकी संख्या और भी बढ़ गई है. दरअसल, ओवैसी ने एक रिपोर्ट को शेयर किया है जिसमें कहा गया है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा पेश किया गया है.
इस खबर को शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा, “ मुस्लिम पुरुषों को पहले से ही बड़ी संख्या में रखा गया था, लेकिन अब उनकी संख्या और भी बढ़ गई है. कानून की नजर में, ये लोग निर्दोष हैं, लेकिन वे अभी भी जेल में हैं. यह प्रणालीगत अन्याय का एक और प्रमाण है जिसका हम सामना कर रहे हैं.”
हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर को साझा किया. इसमें कहा गया है कि साल 2019 के आंकड़े यह भी बताते हैं कि हाशिए पर रहने वाले समूहों में से मुस्लिम एक ऐसा समुदाय है जिसमें दोषियों की तुलना में विचाराधीन कैदियों (अंडरट्रायल्स) की संख्या अधिक है.
साल 2019 के अंत तक देश के सभी जेलों में दोषियों की संख्या में से 21.7 फीसदी दलित हैं. वहीं विचाराधीन कैदियों में अनुसूचित जाति के 21 फीसदी लोग हैं. वहां दोषियों की कुल संख्या में से 16.6 फीसदी मुसलमान हैं, वहीं विचाराधीन कैदियों की संख्या 18.7 फीसदी है.
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