कृषि मंत्री रहते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर APMC कानून को अपने राज्यों में लागू करने का अनुरोध करने वाले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अब बीजेपी पर लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने अगस्त 2010 और नवंबर 2011 को मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखते हुए 2003 में बनाए गए मॉडल APMC कानून को अपने राज्यों में लागू करने का आग्रह किया था.


शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि यूपीए सरकार के दौरान कृषि मंत्री रहते हुए उनकी तरफ से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान को पत्र लिखकर कृषि उत्पाद बाजार समिति (Agriculture Produce Marketing Committee) में सुधार को लेकर जो कहा या था उस पर विवाद पैदा कर बीजेपी लोगों को ध्यान भटकाना चाहती है.


एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवार ने कहा- मैंने यह कहा था कि APMC में कुछ सुधार की जरूरत है. एमपीएमसी कानून जारी रहना चाहिए लेकिन बिना सुधार के. इसमें कोई शक नहीं कि मैंने पत्र लिखा था. लेकिन, उसमें तीन कानूनों को एपीएमसी में जिक्र तक नहीं था. वे सिर्फ ध्यान भटका रहे हैं. उसे महत्व देने की जरूरत नहीं है.


एनसीपी चीफ ने कहा कि कल विभिन्न दलों के नेताओं की तरफ से मुलाकात की जाएगी ताकि नए कृषि कानूनों पर संयुक्त रूप से फैसला लिया जाए. उन्होंने कहा- कल पांच-छह अलग-अलग दलों के लोग बैठने जा रहे हैं, चर्चा करेंगे और संयुक्त रूप से फैसला करेंगे. हमारा कल पांच बजे राष्ट्रपति के साथ मिलने का कार्यक्रम है. हम उनके सामने संयुक्त रूप से अपना रूख उनके सामने रखेंगे.


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