नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है. इसके लिए उन्हें चुनाव आयोग के कार्यालय में करीब छह घंटे का इंतजार करना पड़ा. आम आदमी पार्टी ने इसे साजिश बताया है और पूछा कि क्या पहले कभी किसी सीएम को ऐसे इंतजार करते देखा गया है?
सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर कई तरह के पोस्ट वायरल हो रहे हैं. अब जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय नई दिल्ली ने इस पर सफाई दी है. जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ''कार्यालय सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी प्राप्त कर रहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नामांकन में रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा जानबूझकर देरी की जा रही है. यह देरी करने के लिए उम्मीदवार के नामांकन की जांच के लिए 30-35 मिनट का समय लिया जा रहा है.''
बयान में आगे कहा गया है कि ''यह स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त जानकारी भ्रामक है और चुनाव मशीनरी की ओर से जानबूझकर कोई देरी नहीं की गई है. यह उम्मीदवारों से नामांकन प्राप्त करते समय आरओ द्वारा पालन की जाने वाली प्रक्रिया है.''
मालूम हो कि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर दावा किया था कि ''बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल से पहले 45 उम्मीदवार पर्चे भरने के लिए लाइन में लगा दिए हैं. चुनाव आयोग जानबूझकर हर उम्मीदवार को आधा या एक घंटा दिए जा रहा है, जिसके काग़ज़ पूरे नहीं हैं उसे भी, जिसके प्रस्तावक नहीं हैं उनको भी, ताकि अरविंद केजरीवाल को पर्चा भरने से रोका जा सके.''
बता दें कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को अपना नामांकन पत्र सोमवार को दाखिल करना था, लेकिन अपने रोड शो में हुई देरी के चलते नामांकन दाखिल नहीं कर सके थे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से कांग्रेस ने रोमेश सभरवाल को और बीजेपी ने दिल्ली इकाई के युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुनील यादव को उम्मीदवार बनाया है.
राष्ट्रीय राजधानी में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे और नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी. यहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस से है.