लखनऊ: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लखनऊ में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा 'अगर नोटबंदी से भ्रष्टाचार खत्म होता तो मैं खुद मोदी-मोदी के नारे लगाता'.


आपको बता दें अरविंद केजरीवाल की ये रैली लखनऊ के रिफह-ए-आम क्लब मैदान में थी. केजरीवाल की ये रैली प्रधानमंत्री मोदी के नोटंबदी के फैसले के खिलाफ थी. अरविंद केजरीवाल इससे पहले मेरठ और वाराणसी में भी मोदी सरकार के नोटंबदी के फैसले के खिलाफ रैली कर चुके हैं


आज लखनऊ के रिफह-ए-आम क्लब मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. केजरीवाल शुरु से ही नोटंबदी का विरोध करते रहे हैं  हाल ही में उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के टैक्स देनदारी के ऊपर भी सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा था.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने नोटबंदी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का ‘षड्यंत्र’ करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था और अब उसे ही उन्हें इस जनविरोधी कदम के लिये सबक सिखाना होगा.


केजरीवाल ने यहां आयोजित एक जनसभा में मोदी पर बैंकों से करीब आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने वाले बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने के लिये नोटबंदी का कुचक्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को लाइन में लगाकर उसकी गाढ़ी कमाई बैंकों में जमा कराने का मकसद, बैंकों की खराब हालत को ठीक करना है, ताकि विजय माल्या जैसे लोगों का कर्ज माफ किया जा सके.


उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर कर्ज वापस नहीं मिलने से बैंकों के कंगाल होने पर मोदी और शाह ने ‘नोटबंदी’ का षड्यंत्र रचा और सबसे पहले अपना, बीजेपी नेताओं और करीबी उद्योगपतियों का धन ठिकाने लगवाया. इससे गरीब और आम तबका जहां बेहद परेशान हुआ है, वहीं बीजेपी के लोगों और उनके करीबी उद्योगपतियों ने जमकर धन बटोरा है. वर्ष 2014 में बीजेपी को 80 में से 73 सीटें जिताकर मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को अब नोटबंदी के षड्यंत्र के लिये उन्हें सबक भी सिखाना होगा.


केजरीवाल ने कथित रूप से आयकर विभाग के कुछ दस्तावेज दिखाते हुए प्रधानमंत्री पर दो प्रमुख औद्योगिक घरानों से रिश्वत लेने के गम्भीर आरोप लगाये. उन्होंने 15 अक्तूबर 2013 और 22 नवम्बर 2013 को दो बड़े औद्योगिक घरानों के ठिकानों पर डाले गये आयकर विभाग के छापों का जिक्र करते हुए कहा कि 'विभाग के अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में अलग-अलग तारीखों पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को कुल 40 करोड़ 10 लाख रुपये दिये जाने का जिक्र है'.