नई दिल्ली: सिक्योर मैसेजिंग के लिए भारतीय सेना अब खुद के तैयार किए गए एप, ‘साई’ का इस्तेमाल करेगी. ये एप सेना के ही एक कर्नल ने तैयार किया है और ठीक वैसे ही काम करता है जैसाकि व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एपलीकेशन करते हैं. सेना ने इस एप का आईपीआर अपने नाम कराने की तैयारी कर ली है. अभी तक सेना में मोबाइल पर मैसेज करने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया जाता है.
सेना ने गुरूवार को बयान जारी कर कहा कि, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करते हुए एक बेहद ही आसान और सुरक्षित मैसेजिंग एपलीकेशन, साई यानि सिक्योर एप्लीकेशन फॉर इंटरनेट तैयार किया है. इस एप्लीकेशन से इंटरनेट के माध्यम से सिक्योर वॉयस, टेक्सट और वीडियो कॉलिंग की जा सकती है. सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, ये एप्लीकेशन ठीक वैसा ही है जैसाकि व्हाट्सएप, टेलीग्राम, संवाद और जीम्स जैसा है और एंड टू एंड इन्क्रीप्शन मैसेजिंग प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है.
सेना के मुताबिक, क्योंकि साई एप इन-हाउस सर्वर और कोडिंग इस्तेमाल करता है इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें फेरबदल भी किया जा सकता है. इस एप्लीकेशन को देश की सर्वोच्च साइबर एजेंसी, सर्ट-इन (सीईआरटी यानि कम्पयूटर इमरजेंसी रेस्पोंस टीम) और आर्मी साइबर ग्रुप ने इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है और सेना ने इसके आईपीआर यानि इंटेलेक्चुयल प्रोपर्टी राइट्स के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. फिलहाल ये एप्लीकेशन एंड्रोइड फोन के लिए है लेकिन जल्द ही ये आई-फोन पर भी उपलब्ध हो सकेगा.
बुधवार को खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस एप्लीकेशन को तैयार करने वाले कर्नल शंकर साई को शुभकामनाएं दी थीं.