नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में सेना ने आतंकियों की कमर तोड़ने की नई प्लानिंग की है. सेना ने जम्मू कश्मीर के गांवों की डिजिटल मैंपिंग करने की योजना बनाई है. डिजिटल मैंपिंग होने से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में आसानी होगी. डिजिटल मैपिंग होने से सेना को उन इलाक़ों तक पहुचने में आसानी होगी जहां ऑपरेशन करना होगा डिजिटल मैपिंग के बाद सेना की कश्मीर के सभी गांवों के हर घर तक पहुंच हो जाएगी.
सेना मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक, इस डिजिटल मैपिंग के जरिए कश्मीर घाटी के हर शहर और गांव के हरेक घर की मैपिंग की जायेगी. इसके मायने ये होंगे कि अब सेना की आरआर (यानि राष्ट्रीय राइफल्स) की हर स्थानीय यूनिट के पास कश्मीर के हर घर का डाटा मौजूद रहेगा. इस डाटा में घर में रहने वाले लोगों की संख्या के साथ घर का नक्शा भी रहेगा. यानि घर कितना मंजिला है, कितने कमरे है, किचन किस दिशा में है, आंगन किधर है, ये सब जानकारी इस डाटा में होगी. यहां तक की जितने भी नए घर बनेंगे उन्हें भी इस डाटा में अपडेट किया जायेगा. सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में पहाड़ों और जंगलों मे बने ढोक (खास तरह के कच्चे मकानों) की मैपिंग भी की जायेगी. सूत्रों के मुताबिक, पहले भी सेना की कुछेक स्थानीय यूनिट अपने अपने अधिकार-क्षेत (एओआर) के घरों के नक्शे अपने पास रखती थीं. लेकिन अब ये कम्पयूटर के डाटा में मौजूद रहेगा और एक क्लिक में सारी जानकारी मिल सकती है. श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के मुख्यालय में भी इस डाटा को देखा जा सकेगा. इसके अलावा कश्मीर घाटी के हर गली, रास्ते और हाईवे की भी मैपिंग की जायेगी. ताकि कहीं पर आतंकियों के खिलाफ कोई ऑपरेशन करने से पहले उस इलाके की पहले से ही पूरी जानकारी हो. सूत्रों के मुताबिक, इस मैपिंग में सिर्फ घर के लोगों की संख्या और घर का नक्शा ही नहीं होगा बल्कि कश्मीर के लोगों की अलग-अलग कैटेगरी भी बनाई जायेगी. यानि ये घर किसी आतंकी का है या फिर किसी ओजीडब्लू यानि अंडर ग्राउंड वर्कर का है या फिर किसी फैंस-सिटर का (यानि जो आतंकियों से सहानभूति रखता है) इस सबकी भी जानकारी इस डाटा-बैंक में होगी. ताकि आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन्स को और बेहतर तरीके से किए जा सकें. एक कैटेगरी सरेंडर किए हुए आतंकियों की भी होगी.ऑपरेशन ऑल आउट में तेजी, 21 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट तेज कर दिया है. सुरक्षाबलों ने 22 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की है. सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर ए तैयबा के सात और जैश-ए-मोहम्मद के दो, आईएस की भारतीय शाखा अंसार गजवातुल हिंद के एक आतंकी शामिल हैं.
अब परिजनों को नहीं मिलेगा आतंकियों का शव सूत्रों के मुताबिक अब कश्मीर में टॉप आतंकियों के मारे जाने के बाद शव को परिजनों को नहीं सौंपा जाएगा. यानि सुरक्षाबल ढेर किए गए आतंकियों को अंजान जगह पर दफन कर देंगे. इस फैसले को इसलिए अमल में लाया जा रहा है क्योंकि आतंकियों के समर्थक घाटी में उपद्रव करते रहे हैं. सुपुर्द ए खाक के मौके पर भारी संख्या में लोग और कुछ आतंकी शामिल होते हैं. जनाजे पर हथियार लहराना तो आम है. जिससे स्थिति खराब होती है.