Republic Day Parade 2025: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार सेना के तीनों अंगों - थलसेना, वायुसेना, और नौसेना की संयुक्त झांकी कर्तव्य पथ पर नजर आएंगी. झांकी का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच "संयुक्तता" और समन्वय को प्रदर्शित करना है. वहीं, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की झांकी में भारत की सांस्कृतिक विविधता और रचनात्मकता की झलक दिखाई देगी. झांकी का मुख्य आकर्षण काइनैटिक कल्पवृक्ष से लेकर कुम्हार के चाक पर याढ़ (तमिल वाद्ययंत्र) है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सेना के तीनों अंगों की संयुक्त झांकी में स्वदेशी अर्जुन युद्ध टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ जमीन, जल और हवा में समकालिक अभियान के रूप में युद्ध की स्थिति का परिदृश्य प्रदर्शित किया जाएगा.
रक्षा सुधारों की झलक
मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘‘एक जनवरी को रक्षा मंत्रालय ने 2025 को "रक्षा सुधारों का वर्ष" घोषित किया था और भारत की सैन्य शक्ति की मजबूती के लिए सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. झांकी सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण के लिए वैचारिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और अभियानगत उत्कृष्टता सुनिश्चित होगी.’’
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की झांकी ‘विरासत भी, विकास भी’
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार इस बार मंत्रालय की झांकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विरासत भी, विकास भी’ मूलमंत्र से प्रेरित है और देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और सतत विकास की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करती है. इसमें कहा गया है कि यह झांकी भारत के विकसित राष्ट्र बनने के ‘विजन 2047’ में संस्कृति और रचनात्मकता के योगदान को रेखांकित करती है.
संस्कृति सचिव का बयान
संस्कृति सचिव अरुणीश चावला ने कहा, "संस्कृति मंत्रालय की झांकी हमारी अद्वितीय सांस्कृतिक विविधता, रचनात्मकता और सतत विकास की झलक है. यह झांकी ‘विज़न 2047’ के तहत भारत के विकसित राष्ट्र बनने में संस्कृति और रचनात्मकता के योगदान को रेखांकित करती है."
‘विज़न 2047’ का संदेश
यह झांकी भारत के ‘विज़न 2047’ के तहत, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक विकास के सह-अस्तित्व को दर्शाते हुए, भविष्य में देश के विकास की झलक पेश करेगी.