नई दिल्ली: सरकार ने थलसेना को तीसरे डिप्टी चीफ के पद की मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत सरकार ने गवर्नमेंट सैंक्शन लेटर जारी कर दिया है. ये तीसरा पद डिप्टी चीफ (स्ट्रेटेजी) के तौर पर होगा. उपसेना प्रमुख के अंतर्गत डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) और डीजीएमआई (यानि मिलिट्री इंटेलीजेंस) दोनों ही विभाग काम करेंगे. सेना के सभी ऑपरेशन्स और मिलिट्री-प्लानिंग अब इनकी ही जिम्मेदारी होगी.

अभी तक थलसेना मे दो डिप्टी चीफ के पद थे

मौजूदा वक्त के हाईब्रीड-वॉरफेयर और सोशल-मीडिया को ध्यान में रखते हुए अब सेना की मीडिया विंग, एडीजीपीआई और आईडब्लू (इंफो-वॉरफेयर) को एक साथ मिलाकर एक नई यूनिट, डीजी(आईडब्लू) बनाई गई है. ये विंग भी डीसीओएएस (स्ट्रेटेजी) के अंतर्गत ही काम करेगी. अभी तक थलसेना मे दो डिप्टी चीफ के पद थे. मौजूदा डीजीएमओ, लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह को इस नए पद के लिए चुना गया है.

बालाकोट में हुई एयर-स्ट्राइक और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पनपे तनाव और 'इंफो-वॉरफेयर' के बीच रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के मुख्यालय के पुनर्गठित करने की मंजूरी दी है. साथ ही सेना मुख्यालय में तैनात 229 अधिकारियों को अब सीधे चीन और पाकिस्तानी सीमा में भेज दिया गया है.

पिछले साल जून में थलसेना प्रमुख ने गठित की थीं चार समितियां

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल जून में थलसेना प्रमुख ने चार समितियां गठित की थीं. जिसमें एक समिति की जिम्मेदारी सेना मु्ख्यालय को पुनर्गठित करने की थी. 27 फरवरी को सेना ने इस समिति की रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंप दी. इस रिपोर्ट को रक्षा मंत्री और रक्षा सचिव ने स्वीकार कर लिया और इस समिति की सिफारिशों को मान लिया गया है.

बता दें कि भारत की बालाकोट में हुई एयर-स्ट्राइक के बाद और मौजूदा भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच, पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर ने भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रोपेगेंडा-वॉरफेयर छेड़ दिया था. हालांकि, भारतीय सेना की ये योजना करीब आठ महीने पुरानी थी, लेकिन पाकिस्तान के इस इंफो-वॉरफेयर क काउंटर करने के लिए ही ये नया विंग तैयार किया गया है.

सेना मुख्यालय में तीन उपसेना प्रमुख के पद होंगे

अब सेना मुख्यालय में तीन उपसेना प्रमुख के पद हो जायेंगे. जो दूसरे उपसेना प्रमुख (प्लानिंग एंड सिस्टम) हैं अब उन्हें कैपेबिलिटी डेवलवमेंट एंड सस्टेनेंस के नाम से जाना जायेगा. सेना के गोला-बारूद से लेकर सभी सैन्य साजों-सामान की जरूरत को देखने वाले विभाग, एमजीओ (मास्टर जनरल ऑर्डिनेंस) को अब इसमें ही शामिल कर लिया गया है. सेना के ट्रैनिंग कमांड (आरट्रैक-आर्मी ट्रैनिंग कमांड) और मुख्यालय में स्थापित डीजी(एमटी-मिलिट्री ट्रैनिंग) को भी अब एक विभाग बना दिया गया है.

यह भी पढ़ें-

Farmers Protest: सरकार ने दिए तीनों कृषि कानूनों में बदलाव के संकेत, MSP पर भी बनेगा कानून

भारत में कोरोना मामले लगातार 5वें दिन 40 हजार से कम आए, अभी 4 लाख संक्रमितों का इलाज जारी