मुंबई: शहर के सायन अस्पताल में डॉक्ट और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, आरोप है कि एक शव को गलती से दूसरे परिवार को दे दिया गया. उस परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. पीड़ित परिजनों ने जब अस्पताल में हंगामा किया तो आनन-फानन में अस्पताल ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया और इस मामले की जांच शरू कर दी.


27 साल का अंकुश अब इस दुनिया मे नहीं रहा, लेकिन परिजनों की बदकिस्मती देखिए अस्पताल की लापरवाही के चलते उसे अंकुश का अंतिम संस्कार भी करने का मौका नहीं मिला. मामला मुंबई के सरकारी अस्पताल लोकमान्य तिलक हॉस्पिटल का है जिसे सायन अस्पताल भी कहा जाता है.


दरअसल 27 साल के अंकुश का 28 अगस्त को एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उसे अत्यंत गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 13 सितंबर की सुबह अंकुश की मौत हो गई. इस बात की जानकारी अस्पताल की तरफ से अंकित के परिजनों को दी गई. जिसके बाद अंकुश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.


अस्पताल के बाहर अंकुश का परिवार उसके शव को लेने के लिए इंतजार करता रहा उसी दौरान अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते अंकुश के शव को दिगम्बर का शव समझ कर उसके परिवार को दे दिया. दिगंबर ने आत्महत्या की थी, जवान बेटे की मौत से परिवार इतना आहत था कि उसने दिगंबर के शव को देखे बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया.


जब अंकुश के परिजनों को शव देने के लिए बुलाया गया तो वहां अंकुश के शव की जगह दूसरा शव था. जिसे अंकुश के परिजनों ने लेने से मना कर दिया, इस बीच अंकुश के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शरू कर दिया. जिसके बाद मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंचा, सायन पुलिस ने अंकुश के परिवार वालों का स्टेटमेंट रेकॉर्ड कर जांच शुरू कर दी है. वहीं अस्पताल प्रवंधन ने लापरवाही के आरोप में दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और इस पूरी घटना की जांच की जा रही है.


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