नई दिल्ली: सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर 1,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में हैदराबाद की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी वीएमसी सिस्टम्स और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पीएनबी पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की 2 अरब डॉलर (1,45,28,10,00,000 रुपए) की धोखाधड़ी का शिकार हो चुका है.

अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा को लेकर कंपनी और उसके प्रवर्तकों-वुप्पालापती हिमा बिंदु, वुप्पालापति वेंकट रामा राव और भागावातुला वेंकट रमन्ना-के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की.

जांच एजेंसी ने निदेशकों के निवास और कार्यालय समेत हैदराबाद में तीन ठिकानों की तलाशी ली. पीएनबी ने शिकायत में कहा कि कंपनी ने बैंकों के समूह से लिए गए 1,700 करोड़ रुपये के कर्ज लौटाने में चूक की है. कंपनी दूरसंचार और बिजली क्षेत्र के उपकरण बनाती है. बैंक के अनुसार कंपनी ने कर्ज का दूसरी जगह उपयोग किया.

क्या है पिछले पीएनबी घोटाले का पूरा मामला देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई ब्रांच में 11 हजार पांच सौ करोड़ का घोटाला सामने आया. इसका खुलासा खुद बैंक ने किया. इस मामले में सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर उद्योगपति नीरव मोदी और उनके सहयोगियों समेत कुल छह लोगों के खिलाफ धोखाधडी, आपराधिक षडयंत्र और सरकारी पद के दुरूपयोग का मुकदमा दर्ज किया. नीरव मोदी ने कैसे किया घोटाला? आरोप है कि पंजाब नेशनल बैकं के दो अधिकारियों की मिलीभगत से नीरव मोदी और उनके सहयोगियों ने साल 2017 में विदेश से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना ही आठ एलओयू जारी करवा दिए, जिससे बैंक को 280 करोड रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. हालांकि, ये पूरा घोटाला 11,500 करोड़ का है. जांच के दायरे में कई बड़ी कंपनियां इस घोटाले में कई बड़ी आभूषण कंपनियां मसलन गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामले में मनी लांडरिंग का केस दर्ज किया है. वहीं सेबी 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के इस मामले मामले में कई आभूषण कंपनियों समेत बैंकों द्वारा खुलासा करने में हुई खामियों की जांच कर सकती है. मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं- वित्त मंत्रालय सेबी और शेयर बाजार इन कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के कारोबारी आंकड़े का विश्लेषण करेंगे. वित्त मंत्रालय ने घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है. नीरव मोदी ने कैसे बुना जाल? दरअसल नीरव मोदी और उसके साथियों ने अपनी तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट और स्टैलर डायमंड के जरिए जाल बुना. इन तीनों कंपनियों के नाम पर इन्होंने पीएनबी से कहा कि उन्हें हांगकांग से सामान मंगाना है. सामान मंगाने के लिए उन्होंने पीएनबी से एलओयू जारी करने की मांग की. इंपोर्ट किया गया 280 करोड़ का सामान उन्होंने एलओयू हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम पर जारी करने की गुजारिश की. एलओयू का मतलब होता है कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसके पैसे देने की गारंटी बैंक देता है. पीएनबी ने हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक को 5 और एक्सिस बैंक को 3 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए. हांगकांग से करीब 280 करोड़ रूपए का सामान इंपोर्ट किया गया. रिकॉर्ड में 8 LOU का जिक्र नहीं 18 जनवरी को इन तीनों कंपनियों के लोग इम्पोर्ट दस्तावेजों के साथ पीएनबी की मुंबई ब्रांच में पहुंचे और पैसों का भुगतान करने को कहा. बैंक अधिकारी ने कहा कि जितना भी पैसा विदेश में भेजना है उतना नकद जमा करना पड़ेगा. कंपनियों के अधिकारियों ने फिर एलओयू दिखाया और उसके आधार पर पेमेंट करने को कहा. बैंक ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि पीएनबी के रिकॉर्ड में कहीं भी जारी किए गए आठ एलओयू का जिक्र नहीं था, मतलब बैंक में बिना पैसा गिरवी रखे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए. फर्जी तरीके से जारी किए गए थे सभी 8 LOU बैंक की तरफ से केस दर्ज किया गया, मामला सीबीआई में पहुंचा. जांच हुई तो पता चला कि सभी 8 एलओयू फर्जी तरीके से जारी किए गए. पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने एक दूसरे कर्मचारी के साथ मिलकर लेटर जारी किए और इन्हें सिस्टम में कहीं नहीं दिखाया. हांगकांग में जिससे सामान इंपोर्ट किए गए हैं उनकी बैंक गारंटी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने ली थी. यानी अब इन 280 करोड़ रुपयों की देनदारी पीएनबी की हो गयी है. दोनों प्रमुख आरोपी फरार मामले के दोनों प्रमुख आरोपी फरारा हैं. एक तरफ जहां नीरव मोदी ब्रिटेन के लंदन भाग गए हैं, वहीं मेहुली चोकसी ने एंटिगा की नागरिकता ले ली है. दोनों को ही भारत वापस लाने के भारत सरकार के तमाम प्रायस अभी तक विफल रहे हैं. घंटी बजाओ: 120 करोड़ लोगों की समस्या प्रधानमंत्री को भी होती है! ये भी देखें