नई दिल्ली: पूर्व गृह सचिव अनिल बैजल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल का पद संभाला. शपथ ग्रहण समारोह में सीएम अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी, दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह और कई अन्य जाने माने लोग उपस्थित थे.
दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस जी रोहिणी ने, साल 1969 बैच के आईएएस अधिकारी 70 वर्षीय बैजल को, उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस क्षेत्र में राजनिवास में आज सुबह 11 बजे दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के तौर पर उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
शपथ लेने के बाद अनिल बैजल ने कहा कि "उनकी कोशिश दिल्ली की समस्याओं को कम करने की होगी. दिल्ली सरकार के साथ रिश्ते सुधारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो किसी कयासी बातों में नही पड़ना चाहते. बैजल ने कहा कि बैठकर बात कर देखेंगे कि क्या होता है".
नौकरशाही पर नियंत्रण समेत कई विवादास्पद मुद्दों पर आप सरकार और केंद्र के बीच टकराव बढ़ने की पृष्ठभूमि में बैजल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार संभाला है. 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अधीन केंद्रीय गृह सचिव थे और साथ ही अन्य मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं.
बैजल को आप सरकार के साथ कामकाज का कोई उपयुक्त तरीका ढूढना होगा क्योंकि आप सरकार का निवर्तमान उपराज्यपाल नजीब जंग से कटु संबंध रहा है. जंग ने पिछले हफ्ते अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
नियमों के हिसाब से चलने के लिए चर्चित बैजल को कई अहम फैसले करने होंगे जिनमें शुंगलू समिति की रिपोर्ट भी शामिल है. जंग ने पिछले दो सालों में आप सरकार की तरफ से लिए गए निर्णयों से जुड़ी फाइलों का परीक्षण करने के लिए यह समिति बनायी थी. समिति ने केजरीवाल सरकार के कुछ फैसलों में अनियमिताओं की ओर कथित इशारा किया था.
बैजल को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के नये अध्यक्ष की भी नियुक्ति करनी होगी. कृष्णा सैनी की नियुक्ति जंग की तरफ से ठुकरा दिये जाने के बाद आयोग का अध्यक्ष पद नवंबर से खाली है. बैजल 2006 में शहरी विकास सचिव पद से सेवानिवृत हुए थे. वह दिल्ली विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष रह चुके हैं और माना जाता है कि वह दिल्ली प्रशासन की बारिकियों से भलीभांति अवगत हैं.