Andhra Pradesh News: हाल के दिनों में दिल का दौरा पड़ने से अचानक मौत के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. यह घटनाएं उम्र की सीमा को तोड़ रही हैं. युवा ही नहीं, बल्कि कम उम्र के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद से इस तरह की घटनाएं और बढ़ी हैं, जिसने सभी को चिंता में डाल दिया है.
कक्षा में बैठी छात्रा की दर्दनाक मौत
आंध्र प्रदेश के अंबेडकर कोनासीमा जिले से एक बेहद दुखद मामला सामने आया है. रामचंद्रपुरम निर्वाचन क्षेत्र के पसलपुडी गांव की रहने वाली नल्लमिल्ली सिरी (14) रामचंद्रपुरम के एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा थी. शनिवार को वह रोज की तरह स्कूल गई थी और कक्षा में पढ़ाई कर रही थी.
कक्षा में शिक्षक पढ़ा रहे थे और सिरी बेंच पर बैठकर ध्यान से पाठ सुन रही थी. अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ी. शिक्षक और सहपाठी घबरा गए और तुरंत उसे उठाने की कोशिश की. जब सिरी को होश नहीं आया तो उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया.
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि सिरी की पहले ही मौत हो चुकी है. डॉक्टरों के अनुसार, छात्रा की मौत दिल का दौरा यानी कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई. इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ना सभी के लिए हैरान करने वाला है.
बेटी की अचानक मौत की खबर सुनते ही माता-पिता और परिवार के लोग रो पड़े. पूरे गांव और स्कूल में शोक का माहौल है. सहपाठी और शिक्षक भी इस घटना से सदमे में हैं.
डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि दिल की धमनियों में रुकावट, रक्त की आपूर्ति में कमी और जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं के कारण कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं. पहले यह समस्या अधिकतर बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब बच्चे और युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.
हाल के दिनों में डांस करते समय, खेलते हुए या सामान्य गतिविधियों के दौरान अचानक गिरकर मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं. रामचंद्रपुरम की छात्रा की मौत ने इस खतरे को और गंभीर बना दिया है.