Andhra Pradesh Liquor Scam: आंध्र प्रदेश में 3,200 करोड़ रुपये के चर्चित शराब घोटाले में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP के सांसद पी.वी. मिथुन रेड्डी को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. राजमपेट से लोकसभा सांसद और संसद में YSRCP के फ्लोर लीडर मिथुन रेड्डी को इस मामले में चौथा आरोपी बनाया गया है. विजयवाड़ा में करीब 7 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. 

SIT जांच से पता चला है कि यह घोटाला 2019-2024 के दौरान वाईएसआरसीपी सरकार के समय आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन में हुई गड़बड़ियों से जुड़ा है. जांच में सामने आया कि शराब नीति में बदलाव कर नई डिस्टिलरी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया और किकबैक के जरिए लगभग 3,500 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई. इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें धनुंजय रेड्डी, कृष्ण मोहन रेड्डी और बालाजी गोविंदप्पा के नाम शामिल हैं.

मिथुन रेड्डी पर क्या-क्या आरोप हैं?

SIT ने मिथुन रेड्डी पर शराब नीति को प्रभावित करने और डिस्टिलरी कंपनियों से रिश्वत लेकर शेल कंपनियों में पैसा ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है. जांच में अब तक 62 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है, जैसा कि 300 पेज की शुरुआती चार्जशीट में बताया गया है. इसके साथ ही 268 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, जो इस घोटाले की गंभीरता को उजागर करते हैं.

मिथुन रेड्डी की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के एक दिन बाद हुई. इससे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी उनकी जमानत अर्जी नामंजूर कर दी थी. SIT ने रेड्डी को जांच में सहयोग न करने वाला बताते हुए उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया.

मिथुन रेड्डी की गिरफ्तारी पर YSRCP ने क्या कहा?

वाईएसआरसीपी ने इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की राजनीतिक प्रतिशोध की नीति करार दिया है. पार्टी नेता एल. अप्पी रेड्डी ने कहा कि मिथुन रेड्डी एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं और जांच में शामिल होने की उनकी मंशा उनकी बेगुनाही को दर्शाती है.

SIT मिथुन रेड्डी को 20 जुलाई को विजयवाड़ा की ACB विशेष अदालत में पेश करेगी. जांच अपने निर्णायक दौर में है और SIT ने अगले 20 दिनों में एक और चार्जशीट दाखिल करने की बात कही है.

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