नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां आदि करने के आरोप में सीबीआई की विशाखापट्टनम भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 16 नामों समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इन आपराधिक धाराओं के तहत आईटी एक्ट के अलावा जान से मारने की धमकी देने की धारा भी शामिल की गई है.


सीबीआई ने आंध्र प्रदेश सीआईडी के इस मामले में दर्ज किए गए 12 मुकदमों को अपनी एक ही एफआईआर में दर्ज किया है. इस मामले की जांच के दौरान आंध्र प्रदेश की सत्ता में बैठे अनेक लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं.


सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के दिशा निर्देश पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच सीबीआई भ्रष्टाचार निरोधक शाखा विशाखापट्टनम के डीएसपी श्रीनिवास राव को सौंपी गई है. इस मामले में आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की शिकायत के आधार पर पहले आंध्र प्रदेश सीआईडी ने मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में आरोप है कि आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ उनके आदेशों उनके यहां चल रहे मुकदमों आदि को लेकर अवांछित टिप्पणियां की गई. यही नहीं सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर के जरिए भी इन टिप्पणियों को इधर से उधर भेजा गया.


सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक इस मामले में 16 आरोपियों समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जिन 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें कोंडा रेड्डी, मेनी अनायुरेडी, सुधीर पामुला, आदर्श रेडी, अभिषेक रेड्डी, शिवा रेड्डी श्रीधर रेड्डी, जेवीएस नारायणा, जी श्रीधर रेड्डी, लिंगारेड्डी, चांदु रेड्डी, श्रीनाथ सुवा राम, किशोर रेड्डी, चिरंजीवी, एल आर रेडी और एक महिला के गौवथमी के नाम शामिल हैं.


आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट इस मामले में सीआईडी द्वारा की जा रही जांच से पूरी तरह से सहमत नहीं था क्योंकि आरोप लग रहे थे कि कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए सीआईडी सही तरीके से जांच नहीं कर रही है. लिहाजा मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. माना जा रहा है कि इस मामले की जांच के दौरान आंध्र प्रदेश की सत्ता में बैठे अनेक प्रभावशाली लोग के नाम भी सामने आ सकते हैं.


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