Bagheshwar Dham Dhirendra Shashtri : महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी के मुख्यपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में रविवार (13 अप्रैल) को बागेश्वर वाले धीरेंद्र शास्त्री को निशाना बनाकर एक लेख लिखा गया है. इसमें कहा गया कि भाजपा भारत में जो ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाना चाहती है, उसके ब्रैंड एम्बेसडर धीरेंद्र शास्त्री जैसे ‘बाबा’ लोग हैं.

लेख में कहा गया, “धीरेंद्र शास्त्री जैसे बाबा लोग हिंदुत्व के ब्रैंड एम्बेसडर हैं. वे हिंदुओं के लिए अलग गांव बनाना चाहते हैं. ये विचार विश्व में हिंदू संस्कृति का सिर शर्म से झुकाने वाले हैं. यह बाबागीरी कहां तक जाएगी?”

लेख में वक्फ संशोधन कानून का भी जिक्र

सामना के इस लेख में वक्फ संशोधन कानून का भी जिक्र किया गया. इसमें कहा गया, “वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद के दोनों सदनों में लगभग 20 घंटे तक बहस हुई, लेकिन ‘मणिपुर’ की स्थिति पर दोनों सदनों में एक घंटे भी चर्चा नहीं हो सकी. भारत में हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत बढ़े और उसका रूपांतरण दंगों में हो, इसका प्रयास भाजपा ईमानदारी से कर रही है. इस विधेयक के पारित होने से भाजपा को ऐसा लगा कि उसने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त कर ली है.” 

मुसलमानों के खिलाफ नारे लगाना कैसी रामभक्ति- शिवसेना यूबीटी

शिवसेना यूबीटी ने सामना के लेख के जरिए पूछा कि मुंबई की सड़कों पर जुलूसों से अराजकता फैली और भीड़ मुसलमानों के खिलाफ नारे लगाने लगी. यह कैसी रामभक्ति है? इसमें आगे कहा गया है, 'वक्फ बिल के पक्ष में वोट करने वालों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, आरएलडी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी शामिल थे. नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान, जयंत चौधरी की पार्टियों को मुसलमानों के वोट मिल रहे थे. वक्फ बोर्ड विधेयक का समर्थन करने से इन सबको अब एकजुट मुस्लिम वोट नहीं मिलेंगे.'

इसके अलावा सामना के संपादकीय लेख में बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी जिक्र किया गया. इसमें कहा गया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के राजनीतिक सफर का अंत हो जाएगा. वहीं बिहार में भाजपा को उनका पहला मुख्यमंत्री बनाना है. नीतीश कुमार का कांटा भाजपा ने करीब-करीब निकाल दिया है.